जयपुर.सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा पांचवा दिन सोमवार को बड़ी सभा के बाद समाप्त हुई. पायलट ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि 15 दिन में उनकी मांगों को पूरा करें, नहीं तो इस बार वह गांधीवादी तरीके की जगह आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे. भले ही पार्टी इसे सचिन की व्यक्तिगत यात्रा बताएं, लेकिन सभा में जिस तरह से राजस्थान कांग्रेस के दो अध्यक्ष, एक पूर्व नेता प्रतिपक्ष, एक पूर्व स्पीकर, दो मंत्री समेत 15 विधायक मौजूद रहे, उससे तो लग रहा था कि पायलट के मंच पर जो नेता मौजूद थे. वह केवल कांग्रेसी ही नहीं बल्कि लंबे समय तक कांग्रेस को राजस्थान में चलाने वाले नेता थे.
पायलट ने छुए नारायण सिंह के पैरः कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह सभा में देरी से पहुंचे, लेकिन जैसे ही वे सभा में पहुंचे, सचिन पायलट ने मंच पर ही पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया. नारायण सिंह ने भी उन्हें आशीर्वाद दिया और मंच पर सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सचिन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जो काम आप लोगों ने किया वह सराहनीय और देश हित में है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के अमित शाह कर्नाटक में बहुमत से जीतने की बात करते रहे, पर ऐसा हुआ नहीं. इसी तरह प्रदेश में कांग्रेस नेता कहते हैं, रिपीट करेंगे. लेकिन इसका क्या आधार है. अगर समझदारी से काम नहीं लिया, तो कांग्रेस को नुकसान होगा. इसलिए सब मिलकर पायलट को कंधे से कंधा मिलाकर मजबूत करें.
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पायलट बोले-अनुशासनहीनता की बात करने वाले अपने गिरेबान में झांकेंःपायलट ने मंच से उनके कार्यक्रमों को अनुशासनहीनता का नाम देने वाले नेताओं पर भी करारा प्रहार किया. पायलट ने 25 सितंबर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अनुशासनहीनता की बात करने वाले अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि अनुशासन हमने तोड़ा या किसी और ने. हम तो बिना पद के, गाली खाकर, खून के घूंट पी पीकर, जनता में जाकर संगठन का काम कर रहे हैं. आप मलाई खाकर, गाली दे देकर हमको बदनाम करने का काम कर रहे हो.