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दो करोड़ रुपए की रिश्वत का मामलाः हाईकोर्ट ने दिव्या मित्तल को जमानत पर रिहा करने के दिए आदेश - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने दो करोड़ रुपए की रिश्वत (High Court orders release of Divya Mittal) मांगने के मामले में दिव्या मित्तल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

Rs 2 crore bribery case,  Divya Mittal on bail
जमानत पर रिहा करने के दिए आदेश.

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Published : Mar 31, 2023, 4:25 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने दवा कंपनी के मालिक से दो करोड़ की रिश्वत मांगने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रही एसओजी की तत्कालीन एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस सीके सोनगरा की एकलपीठ ने यह आदेश दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिए.

जमानत याचिका में कहा गया कि एसीबी ने न तो याचिकाकर्ता को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है और न ही उससे रिश्वत की कोई राशि बरामद हुई है. इसके अलावा उसके पास आय से अधिक की राशि भी बरामद नहीं हुई है. एसीबी के पास याचिकाकर्ता को लेकर कोई ठोस साक्ष्य नहीं है. इसके अलावा वह करीब ढाई महीने से जेल में बंद है, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

जिसका विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत संबंधित अधिकारी को ट्रैप करने की जरूरत नहीं होती है, यदि आरोपी डिमांड करता है तो भी एसीबी उसे धारा सात के तहत गिरफ्तार कर सकती है. एसीबी के पास दिव्या मित्तल के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, यदि उसे जमानत दी गई तो वह प्रकरण के गवाहों को प्रभावित कर सकती है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने दिव्या मित्तल को जमानत पर रिहा कर दिया है.

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गौरतलब है कि दिव्या मित्तल पर आरोप है कि उसने नशीली दवा से जुड़े मामले में हरिद्वार में संचालित दवा फैक्ट्री के संचालक को गलत रूप से लिप्त बताकर उसका नाम हटाने की एवज में दलाल के मार्फत दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी. मामले में एसीबी ने दिव्या को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया था. वहीं 15 मार्च को एसीबी ने दिव्या के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया है.

हाईकोर्ट जता चुका है नाराजगीःबीते दिनों अदालती आदेश के बावजूद भी दिव्या की जमानत याचिका सूचीबद्ध नहीं करने को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी. इसके साथ ही अदालत ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को निर्देश दिए थे की वह मामले की जांच करे की आदेश के बावजूद केस सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया और कितने मामले हैं जिन्हें अदालती आदेश के बावजूद सूचीबद्ध नहीं किया जा रहा है. वहीं अदालत ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए इसे दूसरी एकलपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा था.

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