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रोजगार दो सरकार: फार्मासिस्ट पद आवेदकों को झटका! सालों से कर रहे थे तैयारी अब मेरिट के आधार पर होगा Recruitment

2018 के बाद फार्मासिस्ट के 2020 पदों पर भर्ती निकाली गई (Pharmacist Recruitment Exam). लेकिन ये भर्ती लिखित होने के बजाय मेरिट बेस पर हो रही है, जिसका खामियाजा फ्रेशर्स को भुगतना पड़ेगा. आखिरी बार साल 2013 में 1209 पदों पर भर्ती हुई थी.

Pharmacist Recruitment Exam
फार्मासिस्ट भर्ती

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Published : Dec 17, 2022, 9:17 AM IST

रोजगार दो सरकार

जयपुर.प्रदेश में बी फार्मा और डी फार्मा करने वाले हजारों फार्मासिस्ट अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बार भी सरकार ने जो भर्ती विज्ञप्ति निकाली हैं, उससे फ्रेशर्स को आघात पहुंचा है. ऑल इंडिया मेडिकल स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत बेनीवाल ने बताया कि 2018 की भर्ती लिखित परीक्षा से होनी थी. लेकिन पहले 4 बार इस परीक्षा को स्थगित कर दिया गया और अब नियमों में बदलाव करते हुए मेरिट बेस पर भर्ती करने की विज्ञप्ति जारी की है.

उन्होंने बताया कि फ्रेशर्स ही नहीं, जो 10 साल से संविदा पर कार्यरत फार्मासिस्ट थे (Pharmacist Recruitment Exam ) और इस भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, वो भी अब फ्रेशर्स में ही शामिल हो गए. क्योंकि उनके पास सरकारी अनुभव प्रमाण पत्र नहीं है. इस भर्ती में निशुल्क दवा वितरण केंद्रों पर लगे कोऑपरेटिव सोसायटी, यूटीबी, एनएचएम, सेमी गवर्नमेंट अस्पतालों में लगे फार्मासिस्ट और एजेंसियों या पीपीपी मोड पर लगे फार्मासिस्ट को फायदा होगा. उन्होंने आशंका जताई कि बहुत से अभ्यर्थी अब फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र बनवा कर लाएंगे. साथ ही कहा कि पद केवल 2020 है और अनुभवी फार्मासिस्ट की संख्या ही करीब 7000 है. ऐसे में पद भरने के बावजूद भी फ्रेशर्स को तो बिल्कुल मौका नहीं मिलने वाला. और चूंकि बी फार्मा, डी फार्मा दोनों एलिजिबिलिटी तय की गई है. क्योंकि एक डिप्लोमा कोर्स है और एक डिग्री कोर्स है. ऐसे में किस आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी.

बेरोजगारों का आरोप है कि चिकित्सा विभाग ने फर्जीवाड़े को बढ़ावा देने के लिए मेरिट बेस पर भर्तियां करवाई जा रही है. जबकि प्रदेश में कई ऐसे विश्वविद्यालय हैं जो केवल कागजों में ही चल रहे हैं. उन विश्वविद्यालय से डिग्री लाकर मेरिट बेस पर अच्छी परसेंटेज बनाकर चिकित्सा विभाग खुद फर्जीवाड़ा करवाना चाह रहा है. जबकि 4 साल से बेरोजगार फार्मासिस्ट जयपुर और दूसरे बड़े शहरों में रहकर लिखित परीक्षा से भर्ती की तैयारी कर रहे थे. जो कार्मिक विभाग की ओर से भर्ती को लिखित परीक्षा से हटाकर मेरिट के आधार पर करने के आदेश से आहत हुए हैं.

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कोटा से जयपुर आकर बीते 3 साल से फार्मासिस्ट भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी ने बताया कि उनके जैसे सैकड़ों अभ्यर्थी हैं जो सालों से भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे थे. आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने के बावजूद जयपुर जैसे शहर में रहकर वो तैयारी कर रहे थे. लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं और अब भर्ती की जो नई विज्ञप्ति जारी की है उसमें मेरिट बेस पर एंट्री होगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर एक्सपीरियंस लेने जाते तो भर्ती परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाते. वहीं झालावाड़ से जयपुर में अध्ययन कर रहे अभ्यर्थी ने बताया कि 2018 से जयपुर में रहकर तैयारी कर रहे हैं अब तक ढाई से तीन लाख खर्च हो चुके हैं. इसके अलावा बी फार्मेसी की फीस अलग. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं. उन्होंने अपील की कि सरकार को फार्मासिस्ट भर्ती एग्जाम + एक्सपीरियंस के आधार पर करनी चाहिए. क्योंकि यदि पदों की संख्या बढ़ाई जाती है तो उसका बेनिफिट भी नहीं मिलेगा.

कोटा से जयपुर आकर बीते 3 साल से फार्मासिस्ट भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी ने बताया कि उनके जैसे सैकड़ों अभ्यर्थी हैं जो सालों से भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे थे. आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने के बावजूद जयपुर जैसे शहर में रहकर वो तैयारी कर रहे थे. लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं और अब भर्ती की जो नई विज्ञप्ति जारी की है उसमें मेरिट बेस पर एंट्री होगी. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर एक्सपीरियंस लेने जाते तो भर्ती परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाते. वहीं झालावाड़ से जयपुर में अध्ययन कर रहे अभ्यर्थी ने बताया कि 2018 से जयपुर में रहकर तैयारी कर रहे हैं अब तक ढाई से तीन लाख खर्च हो चुके हैं. इसके अलावा बी फार्मेसी की फीस अलग. लेकिन कोई सुनने वाला नहीं. उन्होंने अपील की कि सरकार को फार्मासिस्ट भर्ती एग्जाम + एक्सपीरियंस के आधार पर करनी चाहिए. क्योंकि यदि पदों की संख्या बढ़ाई जाती है तो उसका बेनिफिट भी नहीं मिलेगा.

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