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राजधानी में लामबंद हुए रोडवेज कर्मचारी, दी सरकार को चेतावनी - rajasthan

राजधानी के सिंधी कैंप बसस्टैंड पर रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार के विरोध में अपनी मांगों को लेकर लामबंद होकर प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी दी की मांगों को नहीं माना गया तो बीजेपी सरकार की तरह हम उनको भी उखाड़ फेकेंगे.

रोडवेज के 6 संगठनों ने किया प्रदर्शन

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Published : Jul 16, 2019, 8:09 PM IST

जयपुर. प्रदेश में पिछले कई सालों से रोडवेज कर्मचारियों के द्वारा विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं मंगलवार को एक बार फिर रोडवेज कर्मचारियों ने सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार के द्वारा उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया.

राजधानी के सिंधी कैंप बस स्टैंड पर मंगलवार को राजस्थान रोडवेज के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के द्वारा एक दिवसीय धरना दिया गया. इस दौरान राजस्थान रोडवेज के 6 संगठन एटक, सीटू इंटक, आरएसआरटीसी पेटाइट एंप्लाइज एसोसिएशन, डीजेएमएम और राजस्थान रोडवेज सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति ने मिलकर धरना प्रदर्शन किया.

रोडवेज के 6 संगठनों ने किया प्रदर्शन

इस दौरान रोडवेज के अध्यक्ष एमएल यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बजट प्रस्तावों में रोडवेज और श्रमिकों के उद्धार के लिए कोई भी प्रावधान नहीं किया गया. जिसके चलते मंगलवार को रोडवेज के कर्मचारी सिंधी कैंप बस स्टैंड पर आक्रोश व्याप्त कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने से पहले कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उनसे मिले थे. साथ ही उन्होंने सरकार बनने से पहले रोडवेज से कई वादे भी किए थे. लेकिन उन्होंने अभी तक वादे पूरे नहीं किए हैं.

यादव ने कहा कि यदि सरकार अब उनकी मांगों को नहीं सुनती है तो वे एक बार फिर बीजेपी की तरह कांग्रेस सरकार को दोबारा प्रदेश की सत्ता से उखाड़ फेकेंगे. उन्होंने कहा कि सोमवार को भी परिवहन मंत्री खचारियावास के साथ उनकी सचिवालय में मीटिंग हुई थी लेकिन मंत्री के द्वारा उन्हें संतुष्ट पूर्वक जवाब नहीं दिया गया. जिसके चलते उन्होंने मंगलवार को सिंधी कैंप रोडवेज बस स्टैंड पर अपना रोष व्यक्त किया है.

रोडवेज कर्मचारियों की मुख्य मांगे -

  • रोडवेज को 1000 नई बसें मिलना.
  • 8000 से ज्यादा रिक्त पदों पर नई भर्ती करना.
  • सातवां वेतन आयोग लागू करना.
  • 3000 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनका बकाया भुगतान करना.

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