जयपुर. जिला प्रभारी सचिव सुधांश पंत ने शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की बैठक में अधिकारियों की ओर से बताए गए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के आंकड़ों पर नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आंकड़े मत दिखाओ, काम बताओ. बैठक में जिला प्रभारी सचिव सुधांश पंत ने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की.
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की समीक्षा के दौरान चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट पंत को (Review of Shudh Ke Liye Yudh campaign) बताई. आंकड़े बताने पर पंत नाराज हो गए और कहा कि आंकड़े मत बताओ, आंकड़ें संतोषजनक नहीं हैं. आप यह बताओ कि काम क्या किया गया है. कितने लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. रिपोर्ट के नमूनों की जांच पेंडिंग क्यों है, कोर्ट में पेश चालानों में कमी का क्या कारण है.
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चिकित्साधिकारियों से पूछा गया कि आपने रूटीन अभियान के अलावा विशेष क्या किया है? अधिकारियों ने बताया कि दिवाली पर मिलावटखोरों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया था. इस अभियान के दौरान नकली मावा, तेल, दूध आदि पकड़ा गया. अधिकारियों ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान पर 1 जनवरी से 9 नवंबर 2022 तक की जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान 1214 नमूने लिए गए. इनमें सबस्टेंडर्ड पाये गए नमूनों की संख्या 192, मिसब्रांड पाये गए नमूनों की संख्या 90, अनसेफ पाये गए नमूनों की संख्या 37, रिपोर्ट अप्राप्त 79, न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण 108 बताए गए.
जब जुर्माना राशि वसूलने की बात आई, तो उसे जीरो बताया गया. ऐसे आंकड़ों को देख पंत ने असंतोष जाहिर किया. नाराजगी जताते हुए पंत ने कहा कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के आंकड़े संतोषजनक नहीं हैं. आंकड़े मत दिखाओ धरातल पर क्या काम किया है? प्रभारी सचिव ने कहा कि जिन खाद्य पदार्थों की सैम्पल रिपोर्ट फेल हो गयी है, उनकी पुनः सैम्पल लेकर जांच की जाए.