जयपुर. राजधानी जयपुर में गुरुवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में जलदाय विभाग की समीक्षा बैठक हुई. इसमें प्रदेश के विभिन्न पीएचईडी रीजन में अवैध कनेक्शन एवं बूस्टर्स के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को नोटिस दिए जाने का निर्णय लिया गया. साथ ही जल जीवन मिशन में सबसे नीचे पायदान पर रहने वाले जिलों के अभियंताओं को भी चार्जशीट दी जाएगी.
सुबोध अग्रवाल ने बताया कि जल जीवन मिशन में जिन जिलों की प्रगति 30 प्रतिशत से कम हैं वहां के प्रभारी अभियंता (एसई) को चार्जशीट दी जाएगी. जल कनेक्शन में अव्वल रहने वाले जिलों को भी कनेक्शन की संख्या बढ़ाते हुए तय लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए हैं. डॉ. अग्रवाल ने गर्मी के मौसम को देखते हुए अभियंताओं को अवैध कनेक्शन हटाने एवं बूस्टर्स जब्त करने के निर्देशों को गंभीरता से लेते हुए कार्य करने के निर्देश दिए.
पढ़ें. Jal Jeevan Mission: प्रतिदिन जल कनेक्शनों की संख्या बढ़कर हुई 8343, जयपुर में सबसे ज्यादा
धौलपुर, करौली, सीकर में जीरो प्रोग्रेस :बैठक में बताया गया कि 1 अप्रैल 2022 से 2 मार्च तक कुल 14 हजार 252 अवैध जल कनेक्शन हटाए गए हैं. सर्वाधिक 2215 अवैध कनेक्शन अजमेर में हटाए गए. इसके बाद नागौर में 2136 एवं जयपुर में 1955 कनेक्शन हटाए गए हैं. विभाग ने इस अवधि में 709 बूस्टर जब्त किए हैं. एसीएस सुबोध अग्रवाल ने हनुमानगढ़, धौलपुर, करौली, सीकर, झुंझुनू और बांसवाड़ा जिलों में अवैध बूस्टर्स जब्त करने की कार्रवाई में जीरो प्रोगेस दिखाने पर हैरानी जताई. स्वच्छ जलाशयों की सफाई में पिछड़ रहे जिलों धौलपुर, अलवर, श्रीगंगानगर, राजसमंद एवं हनुमानगढ़ को भी उन्होंने कार्य में गति लाने के निर्देश दिए.
अधिकारियों ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 2659 किलोमीटर लंबी पुरानी एवं जीर्ण-शीर्ण पाइप लाइन चिह्नित की गई हैं. इसमें जयपुर में 642, कोटा में 262, भरतपुर में 209 किलोमीटर पाइपलाइन शामिल है. 1338 किलोमीटर पाइपलाइन बदलने के प्रस्ताव स्वीकृत हो गए हैं, जबकि 1169 किलोमीटर पाइपलाइन के प्रस्ताव भेज दिए गए हैं.
औसत 10 हजार से अधिक जल कनेक्शन का टारगेट : समीक्षा बैठक में वृहद एवं लघु पेयजल परियोजनाओं की लक्ष्य के मुकाबले प्रगति की जानकारी ली गई. बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन में मार्च माह में अभी तक 52 हजार से अधिक कनेक्शन हो चुके हैं. इससे पहले फरवरी माह में 2 लाख जल कनेक्शन किए गए. 28 फरवरी को प्रदेश में एक दिन के अब तक के सर्वाधिक 14 हजार 21 जल कनेक्शन हुए. जेजेएम में इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 10 लाख 91 हजार से अधिक कनेक्शन हुए हैं. मार्च में प्रतिदिन औसत 10 हजार से अधिक जल कनेक्शन का टारगेट तय किया गया है.
पढ़ें. जल जीवन मिशन में जल कनेक्शनों की संख्या पहुंची 8 हजार के पार, खर्च हुए 5 हजार 315 करोड़ रुपए
उन्होंने बताया कि लक्ष्य के मुकाबले उपलब्धि देखें तो इस वित्तीय वर्ष में सबसे कम जल कनेक्शन करने वाले जिलों में जैसलमेर पहले, जोधपुर दूसरे, नागौर तीसरे, जालोर चौथे एवं झुंझुनू पांचवें स्थान पर हैं. टॉप रहने वाले जिलों में झालावाड़ ने सर्वाधिक 60 प्रतिशत जल कनेक्शन किए हैं. चित्तौड़गढ़ 58 प्रतिशत के साथ दूसरे एवं भीलवाड़ा 56 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है. प्रदेश में 84 प्रतिशत ग्राम पंचायत भवनों, 72 प्रतिशत विद्यालयों, 67 प्रतिशत स्वास्थ्य केन्द्रों एवं 61 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्रों को हर घर जल कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है. जल गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रदेश के 43 हजार गांवों में 5 हजार 513 केमिकल जांच जबकि 4 हजार 17 गांवों में जीवाणु जांच की गई.
सुबोध अग्रवाल ने प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान प्रभावित जिलों में सुचारू पेयजल आपूर्ति एवं जल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी रखने के निर्देश दिए. अभियंताओं ने बताया कि राजीव गांधी लिफ्ट नहर से जुड़ी 9 डिग्गियों में 15 दिन तक के पानी का भंडारण कर लिया गया है. शेष 6 डिग्गियां भी 26 मार्च तक भर ली जाएंगी. उन्होंने समर कंटींजेंसी के तहत आवश्यकतानुसार जिलों से समय पर प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए. साथ ही विधानसभा से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों, अंतर्विभागीय प्रकरणों, वीआईपी पत्रों, राजस्थान संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों, अधिकारियों के दौरे, हैण्डपंप-ट्यूबवेल स्थापना, विभागीय जांच के लंबित प्रकरणों आदि की भी समीक्षा की.
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अभियंता को बैठक के दौरान सूचनाएं सही तरीके से रखनी चाहिए ताकि विभिन्न मुद्दों को हल कर परियोजनाएं समय पर धरातल पर लाई जा सकें. उन्होंने वर्ष 2023-24 के बजट में मुख्यमंत्री की ओर से की गई पेयजल परियोजनाओं से संबंधित घोषणाओं के संबंध में प्रस्ताव समय पर भिजवाने के निर्देश दिए.