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ऋण आवेदन की पेंडेंसी पर कलेक्टर और विधायक ने जतायी नाराजगी, पात्र व्यक्ति को लाभ देने के निर्देश

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 29, 2023, 5:31 PM IST

जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई. बैठक में कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा भी मौजूद थे. बैठक में ऋण आवेदन की पेंडेंसी को लेकर कलेक्टर और विधायक ने नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द पेंडेंसी को निपटाने के निर्देश दिए.

पात्र व्यक्ति को लाभ देने के निर्देश
पात्र व्यक्ति को लाभ देने के निर्देश

जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक

जयपुर.जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक आयोजित हुई. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने भी शिरकत की. बैठक में जमा अनुपात, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुद्रा लोन सहित अन्य लोक कल्याणकारी योजनाओं की भी समीक्षा की गई.

बैठक में सरकारी योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए मंथन हुआ. बैठक में जयपुर जिले में विभिन्न विभागों की ओर से संचालित की जा रही योजनाओं का लाभ सभी लक्षित लाभान्वितों को दिलाने के लिए निर्दश दिए गए. बैंकों की ओर से तय लक्ष्यों के अनुरूप काम नहीं होने पर जिला कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए सुधारने के निर्देश दिए. सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने बैंकों की ओर से पात्र लोगों को ऋण नहीं देने पर नाराजगी जताई.

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ऋण आवेदन की पेंडेंसी को लेकर नाराजगी:बैठक में ऋण आवेदन की पेंडेंसी को लेकर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित और विधायक गोपाल शर्मा ने नाराजगी जताते हुए जल्द से जल्द पेंडेंसी को निपटाने के निर्देश दिए. कलेक्टर ने कहा कि यदि एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा अपनी पेंडेंसी पूरी कर ले तो 70 फीसदी ऋण पेंडेंसी खत्म हो सकती है. सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि विधायक बनने के बाद पहली बार अधिकारियों की बैठक ले रहे हैं. बैठक में आम जनता को बैंकों की ओर से दिए जाने वाले कामों की समीक्षा की गई है. विधायक गोपाल शर्मा ने कहा कि मीटिंग में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आए आवेदन के संबंध में बैंकों की ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है इस पर भी चर्चा की गई.

अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता:उन्होंने कहा कि प्रशासन अच्छा काम कर बैंकों की जवाबदेही तय कर रहा है.गोपाल शर्मा ने कहा कि ऋण लेने के लिए आने वाला व्यक्ति भिखारी नहीं है वह भी सिस्टम का हिस्सा है और भारत को आगे बढ़ाने के लिए उसे ऋण की आवश्यकता है. हमें अपनी सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि तय समय पर आम आदमी का काम होना चाहिए. विकसित संकल्प यात्रा में लगने वाले बैंकों के शिविरों में ढिलाई बरती जा रही है और इस बात को भी मैंने समीक्षा बैठक में रखा है. उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी और कर्मचारी जनता के प्रति अपनी जवाबदेही समझेंगे तो भारत को विकसित भारत बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाना चाहते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि 2047 ही क्यों उससे पहले ही भारत को विकसित राष्ट्र बनाना चाहिए और यह देश के 140 करोड़ जनता के दृढ संकल्प से ही संभव है.

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