जयपुर.राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब महज 6 महीनों का समय शेष है. ऐसे में टिकट के लिए लॉबिंग का काम शुरू हो चुका है. वर्तमान विधायक और प्रत्याशी टिकट पाने की जुगत में लगे हैं, तो नए नेता पुराने नेता को पीछे छोड़ अपनी टिकट के लिए प्रयासरत हैं. टिकट पाने की दौड़ में एक तबका ऐसा भी है जो टिकट की कतार में हमेशा बिना किसी राजनीतिक अनुभव के ही अग्रिम पंक्ति में खड़ा हो जाता है. हम बात कर रहे है उन नौकरशाहों की जो रिटायरमेंट के बाद राजनीति में अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं. यहां कई ब्यूरोक्रेटस राजस्थान के सांसद, विधायक बने हैं. यहीं नहीं वे मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री भी बने हैं.
19 मई को भाजपा में शामिल हुए पूर्व आईपीएस रामदेव सिंह खैरवा, गोपाल मीणा और सेवानिवृत्त आईएएस पी आर मीणा रिटायमेंट के बाद टिकट की आस में भाजपा में शामिल हुए हैं. राजनीति में शामिल होने वाले ऐसे नेताओं की लिस्ट काफी लंबी है जो नौकरशाह, शिक्षक से राजनीति के मैदान में भी सफल रहे. इनमें राजस्थान पुलिस की नौकरी से पूर्व मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति रहे भैरों सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमो नारायण मीणा का नाम है. इन नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी में अपनी सफल पारी बिताने के बाद राजनीति में भी अपनी पहचान बनाई. इस बार भी कांग्रेस हो या भाजपा दोनों पार्टियों में दर्जनों ऐसे चेहरे हैं जो ब्यूरोक्रेसी के बाद अब राजनीति के अपना भाग्य आजमाने की जुगत में जुटे हैं. आईएएस, आईपीएस, आईपीएस,आरएएस ओर अन्य पदों पर रह चुके टिकट मांग रहे कुछ नेता तो गहलोत सरकार में वर्तमान में भी राजनीतिक नियुक्तियां पा चुके हैं. वो अब टिकट लेकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश करना चाहते हैं.