रेनवाल (जयपुर).रेनवाल कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में करीब 5 साल पहले 15 लाख की लागत से नई आधुनिक मोर्चरी का निर्माण करवाया गया था. लेकिन आज तक मोर्चरी में डीफ्रीज नहीं लगाए और न ही एयर कंडिशनर. इस कारण लंबे समय तक शव पड़े-पड़े बदबू देने लगे हैं.
रेनवाल मोर्चरी का बुरा हाल 5 साल पहले विधायक निर्मल कुमावत के निर्देश पर राज्य में 100 मोर्चरी में रेनवाल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी को शामिल किया गया था. सर्दी की सीजन में आसपास की बर्फ फैक्ट्रियां बंद हो जाती हैं. जिसके चलते पुलिस और परिजनों को काफी मशक्त उठानी पड़ती है. शव सुरक्षित रखने के लिए चौमूं या फिर जयपुर से बर्फ मंगवानी पड़ती है.
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अब आधुनिक मोर्चरी के खिड़कियों के कांच टूट चुके है. कोई भी जंगली जानवर अंदर जाकर शवों को नोच सकता है, चारों ओर गंदगी का ऐसा आलम है कि, कमरों में जंगली घासें उग चुकी हैं.
इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी आरपी सेपट का कहना है कि प्रावधानों के अनुसार नई मोर्चरी बन चुकी है. एक बार डी-फ्रिज का प्रावधान आया था, जिसमें डीफ्रीज की साइज ऐसी है कि मार्चरी में फिट नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि जब तक नया मूल्यांकन होकर मोर्चरी का निर्माण नहीं होता या डीफ्रीज की साइज में कोई परिवर्तन नहीं होता, तब तक डीफ्रीज का रखा जाना संभव नहीं है.