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1952 से लेकर अबतक...जानें संसद में महिलाओं की भागीदारी दावे और उसकी जमीनी हकीकत

भाजपा ने पिछली बार झुंझुनू से संतोष अहलावत को टिकट दिया था लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया जबकि एक महिला दीया कुमारी को राजसमंद से और भरतपुर से रंजना कोली और दौसा से जसकौर मीणा को टिकट दिया है.

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Published : Apr 11, 2019, 12:11 AM IST

जयपुर. भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने घोषणापत्र में साफ कहा है कि वह महिलाओं को चुनाव लड़ने में 33 फीसदी आरक्षण देंगे. लेकिन राजस्थान से संसद में महिलाओं की भागीदारी की बात करें तो दोनों ही पार्टियों के दावे झुठलाने वाले आंकड़े सामने आते हैं.

सदन में महिलाओं की भागीदारी के हालात यह है कि दोनों पार्टियों की महिला प्रत्याशियों की संख्या मिलाकर भी 33 प्रतिशत नहीं हो पाती. जहां बीते चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस ने 6 महिलाओं को टिकट दिए थे तो वहीं इस बार महज चार टिकट कांग्रेस ने दिए हैं. महिलाओं को टिकट देने में भाजपा का रिकॉर्ट कांग्रेस से भी खराब है. जहां भाजपा ने बीते चुनावों में एकमात्र टिकट लोकसभा से दिया था वहीं इस बार भी उसका आंकड़ा एक ही है.

भाजपा ने पिछली बार झुंझुनू से संतोष अहलावत को टिकट दिया था लेकिन इस बार उनका टिकट काट दिया जबकि एक महिला दीया कुमारी को राजसमंद से और भरतपुर से रंजना कोली और दौसा से जसकौर मीणा को टिकट दिया है. खास बात यह है कि कांग्रेस हो या भाजपा, टिकट पाने वाली महिलाएं ज्यादातर या तो किसी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं या फिर राजपूताने के किसी पूर्व राजपरिवार से.

कांग्रेस ने राजस्थान में जो चार टिकट महिलाओं को दिए हैं उनमें दौसा से सविता मीणा कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा की पत्नी हैं, नागौर से ज्योति मिर्धा दिवंगत जाट नेता नाथूराम मिर्धा की पोती हैं. हालांकि ज्योति खंडेलवाल (जयपुर) और कृष्णा पूनिया (जयपुर ग्रामीण) किसी राजनीतिक परिवार से नहीं आते हैं. वहीं भाजपा की बात करें तो राजसमंद से टिकट पाने वाली दीया कुमारी जयपुर के पूर्व राजपरिवार की राजकुमारी हैं. दीया कुमारी तीन बार सांसद रही पूर्व राजमाता गायत्री देवी की पोती भी हैं.

वीडियोः महिलाओं की सदन में भागीदारी

वहीं भाजपा ने दूसरा टिकट भरतपुर से रंजना कोली को दिया है जो कि पूर्व सांसद गंगाराम कोली पुत्रवधू हैं. दौसा सीट पर भाजपा ने जसकौर मीणा को टिकट दिया है जो पहले से केन्द्र में मंत्री रह चुकी हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों से टिकट पाने वाली महिलाओं की संख्या कुल 7 बनती है जो मिलाकर भी 33 प्रतिशत नहीं बैठती.

राज परिवारों से आने वाली महिलाएं जो सांसद बनी
1. पूर्व राजमाता जयपुर राजपरिवार स्वर्गीय गायत्री देवी यह साल 1962 फिर 1967 और 1971 में जयपुर से सांसद बनी राजस्थान की यह पहली महिला सांसद रही यह स्वतंत्रता पार्टी से सांसद रही.
2. पूर्व राजमाता जोधपुर राजपरिवार स्वर्गीय कृष्णा कुमारी यह साल 1971 में जोधपुर से सांसद बनी इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था.
3. निर्मला कुमारी शक्तावत यह सीधे किसी राजपरिवार से तो नहीं जुड़ी थी लेकिन बड़े ठिकाने से आती थी निर्मला कुमारी कांग्रेस की पहली सांसद थी यह साल 1980 और 1984 में चित्तौड़गढ़ सीट से सांसद बनी.
4. पूर्व महारानी धौलपुर वसुंधरा राजे यह साल 1989 साल 1991 साल 1996 साल 1998 और साल 1999 में झालावाड़ सीट से सांसद रही वसुंधरा राजे राजस्थान में अब तक सबसे ज्यादा 5 बार सांसद रही हैं.
5. भरतपुर राज परिवार की बेटी कृष्णेंद्र कौर दीपा साल 1991 में भरतपुर लोकसभा सीट से सांसद बनी.
6. अलवर राज परिवार की पूर्व महारानी महेंद्र कुमारी अलवर लोकसभा सीट से साल 1991 में सांसद बनी.
7. भरतपुर राज परिवार की पुत्रवधू और पूर्व महारानी दिव्या सिंह साल 1996 में भरतपुर लोकसभा से सांसद बनी.
8. जोधपुर राज परिवार से चंद्रेश कुमारी साल 2009 में जोधपुर लोकसभा से सांसद बनी.


राजनीतिक घरानों से जुड़ी महिलाएं जो सांसद बनी
1. इंदु बाला सुखाड़िया उदयपुर लोकसभा सीट से साल 1980 में सांसद बनी यह राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया की पत्नी थी.
2. ज्योति मिर्धा नागौर लोकसभा सीट से साल 2009 में सांसद बनी यह नाथूराम मिर्धा की पोती है.


राज परिवार के अलावा सांसद बनने वाली महिलाएं
1. गिरिजा व्यास यह साल 1991 साल 1996 और साल 1999 में उदयपुर लोकसभा सीट से और साल 2009 में चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीती वसुंधरा राजे के बाद गिरिजा व्यास की है जिन्होंने 4 चुनाव लोकसभा के जीते हैं
2. उषा मीणा नए साल 1996 1998 में सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता और दो बार सांसद बनी
3. प्रभा ठाकुर नए साल 1998 में अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव जीताऔर सांसद बनी
4. जसकौर मीणा साल 1999 में सांसद बनी जो बाद में एचआरडी मिनिस्टर भी बनाई गई
5. सुशीला देवी ने साल 2004 में जालौर लोकसभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बनी
6. किरण माहेश्वरी ने साल 2004 में उदयपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता और सांसद बनी
7. संतोष अहलावत यह साल 2014 में झुंझुनू लोकसभा सीट से सांसद बनी है

आज तक हुए लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाली और जीतने वाली महिलाएं

  • 1952 के लोकसभा चुनाव में 2 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों ही चुनाव हार गई थीं. शारदा बाई ने निर्दलीय भरतपुर-सवाई माधोपुर सीट से तो रानी देवी भार्गव ने सिरोही पाली से जनसंघ की टिकट पर चुनाव लड़ा था. राजस्थान के इतिहास की ये दो पहली महिलाएं हैं जिन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा.
  • 1962 के लोकसभा चुनाव में 6 महिलाओं ने चुनाव लड़ा. पहली बार जयपुर लोकसभा सीट से स्वतंत्रता पार्टी के टिकट पर जयपुर के पूर्व राजघराने की पूर्व राजमाता गायत्री देवी ने चुनाव जीता. कांग्रेस ने भी अपना पहला टिकट महिला को जयपुर से ही दिया लेकिन कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने वाली शारदा देवी हार गई.
  • 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में दो महिलाओं ने चुनाव लड़ा इनमें से स्वतंत्रता पार्टी की गायत्री देवी ने जीत दर्ज की.
  • 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में 4 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा. इनमें से स्वतंत्र पार्टी से जयपुर राजपरिवार की पूर्व राजमाता गायत्री देवी और जोधपुर सीट पर जोधपुर राजपरिवार की पूर्व राजमाता कृष्णा कुमारी ने चुनाव जीता.
  • 1980 के लोकसभा चुनाव में चार महिलाओं ने चुनाव लड़ा. कांग्रेस ने चित्तौड़गढ़ से निर्मला कुमारी को टिकट दिया जो कांग्रेस की पहली महिला सांसद बनी.
  • 1984 के लोकसभा चुनाव में कुल 6 महिलाओं को टिकट दिए गए जिनमें से दो टिकट भाजपा तो दो टिकट कांग्रेस ने दिए. कांग्रेस की टिकट पर इंदु बाला सुखाड़िया ने उदयपुर और निर्मला कुमारी ने चित्तौड़गढ़ से जीत दर्ज की.
  • 1989 के लोकसभा चुनाव में भी कुल 6 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा. जिनमें कांग्रेस ने तीन तो भाजपा ने एक महिला को टिकट दिया. भाजपा की ओर से महिला उम्मीदवार धौलपुर राज परिवार की पूर्व महारानी वसुंधरा राजे ने पहली बार चुनाव जीता. वसुंधरा राजे भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाली पहली महिला भी बनीं.
  • साल 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में 14 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा. इनमें से कांग्रेस ने एक तो भाजपा ने तीन टिकट दिए. कांग्रेस और भाजपा से लड़ी चारों महिला प्रत्याशियों ने चुनाव में जीत हासिल की. इनमें भाजपा की वसुंधरा राजे ने झालावाड़ से, कृष्णेंद्र कौर दीपा ने भरतपुर, महेंद्र कुमारी ने अलवर लोकसभा, कांग्रेस की ओर से गिरिजा व्यास ने उदयपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की.
  • 1996 के लोकसभा चुनाव में कुल 25 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा. इनमें से भाजपा ने दो महिलाओं को तो कांग्रेस ने भी दो महिलाओं को टिकट दिया चारों महिलाओं ने अपना चुनाव जीता भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे सिंधिया ने झालावाड़ तो दिव्या कुमारी ने भरतपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता तो वहीं कांग्रेस की ओर से गिरिजा व्यास ने उदयपुर और उषा मीणा ने सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता
  • 1998 के लोकसभा चुनाव में कुल 20 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया. इनमें से भाजपा ने दो महिलाओं को टिकट दिया तो कांग्रेस ने तीन महिलाओं पर दांव खेला. भाजपा की ओर से 2 में से एक महिला वसुंधरा राजे ने झालावाड़ लोकसभा से जीत दर्ज की तो वहीं कांग्रेस की उषा मीणा ने सवाई माधोपुर और प्रभा ठाकुर ने अजमेर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की.
  • 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में कुल 15 महिला प्रत्याशियों ने लोकसभा चुनाव लड़ा. इनमें से भाजपा ने दो टिकट दिए तो कांग्रेस ने तीन टिकट दिए. भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे झालावाड़ लोकसभा से तो जसकौर मीणा सवाई माधोपुर लोकसभा से सांसद बनी. वहीं कांग्रेस से गिरिजा व्यास उदयपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनी.
  • 2004 के लोकसभा चुनाव में कुल 17 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमाया. इनमें से चार टिकट भाजपा ने दिए तो एक को कांग्रेस ने. भाजपा की ओर से जालौर से सुशीला और उदयपुर सीट से किरण महेश्वरी ने लोकसभा चुनाव जीता.
  • 2009 के लोकसभा चुनाव में 31 महिलाओं ने चुनाव लड़ा था इनमें से भाजपा ने तीन टिकट दिए तो कांग्रेस ने 5 लोकसभा सीटों से महिला प्रत्याशी उतारे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी तीनों महिलाएं हार गई लेकिन कांग्रेस की ओर से तीन महिलाओं ने जीत दर्ज की इनमें नागौर लोकसभा सीट से ज्योति मिर्धा चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट से गिरिजा व्यास और जोधपुर लोकसभा सीट से चंद्रेश कुमारी शामिल थी
  • 2013 के लोकसभा चुनाव में कुल 27 महिलाओं ने लोकसभा चुनाव लड़ा था. इनमें से भाजपा ने केवल एक टिकट झुंझुनू से संतोष अहलावत को दिया था जिन्होंने भाजपा को जीत भी दिलाई. वहीं पहली बार कांग्रेस ने 6 महिलाओं को टिकट दिया लेकिन इनमें से एक भी प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं कर सकी.
  • कांग्रेस ने साल 2019 में चार टिकट दिए हैं तो वहीं भाजपा ने तीन महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा है.

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