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रीडर ने फर्जी साइन कर राजस्व वादों के प्रकरणों में दे दिया फैसला, फिर... - Rajasthan Hindi News

जयपुर में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के रीडर की ओर से फर्जीवाड़ा (jaipur fraud case) करने का मामला सामने आया है. जिसमें राजस्व वादों के 6 प्रकरणों में फर्जी फैसला दे दिया गया.

reader in jaipur suspended
जयपुर रीडर फर्जीवाड़ा मामला

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Published : Mar 9, 2022, 12:23 PM IST

जयपुर. बनीपार्क थाना इलाके में स्थित न्यायालय अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के रीडर की ओर से फर्जीवाड़ा करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें राजस्व वादों के 6 प्रकरणों में फर्जी निर्णय दिए जाने को लेकर कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजपाल खोवाल ने रीडर मुकेश कुमार परसोया के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है. प्रकरण की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि रीडर के पद पर कार्यरत मुकेश कुमार परसोया ने वरिष्ठ सहायक की ओर से राजस्व वादों के 6 प्रकरणों में अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर (Reader in jaipur gave decision by fake signature) कर फैसला दिया गया है.

न्यायालय अतिरिक्त संभागीय आयुक्त का रीडर है मुकेश
मुकेश कुमार परसोया न्यायालय अतिरिक्त संभागीय आयुक्त कार्यालय में रीडर के पद पर कार्यरत है. मामले के मुताबिक मुकेश ने राजस्व वादों के 6 प्रकरणों में फर्जीवाड़ा किया है. इतना ही नहीं आरोपी ने संभागीय आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर कर फैसला सुना दिया. जिसके बाद बनीपार्क थाने में न्यायालय अतिरिक्त संभागीय आयुक्त के कहने पर कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी राजपाल खोवाल ने मुकेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर किया निलंबित
कार्यालय की ओर से मुकेश कुमार परसोया की ओर से किए गए फर्जीवाड़े पर एक्शन लिया गया. प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए मुकेश कुमार को निलंबित (reader in jaipur suspended) किया जा चुका है, साथ ही उसका मुख्यालय जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय सीकर कर दिया गया है. इस पूरे फर्जीवाड़े को लेकर बनीपार्क थाने में आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू दी गई है. निलंबित रीडर मुकेश कुमार ने राजस्व वाद के प्रकरणों में दिसंबर, जनवरी और फरवरी महीने में फर्जी हस्ताक्षर करते हुए कूट रचित निर्णय दिया है. जिन प्रकरणों में फर्जीवाड़ा हुआ है उनकी जानकारी न्यायालय अतिरिक्त संभागीय आयुक्त की ओर से पुलिस को उपलब्ध करवाई गई है.

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