जयपुर. भारतीय नव वर्ष की शुरुआत चैत्र के महीने से होती है. हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर भारतीय नववर्ष मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन सृष्टि की रचना भी हुई थी. इसी दिन भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी हुआ था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाता आया है. साल में एकमात्र ये ऐसा दिन होता है जब स्वयंसेवक संघ के संस्थापक को आद्य सरसंघचालक प्रणाम करते हैं. इस बार 22 मार्च को वर्ष प्रतिपदा का कार्यक्रम होना है. अकेले जयपुर महानगर में 29 स्थानों पर ये आयोजन होगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अधिकृत तौर पर 6 उत्सवों को मनाता है. इनमें वर्ष प्रतिपदा साल का पहला उत्सव है जो चैत्र शुक्ल एकम को मनाया जाता है. इसके अलावा हिंदू साम्राज्य दिवस गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, विजयदशमी और मकर सक्रांति संघ की ओर से मनाया जाने वाले उत्सव है. संघ विचारकों के अनुसार आदिकाल से हिंदू समाज इन त्योहारों को मनाता आ रहा है. संघ ने इन्हें मनाना इसलिए शुरू किया. ताकि इन त्योहारों के जरिए लोग अपने महापुरुषों और समाज के प्रति जागरूक होकर राष्ट्रीयता की भावना हो आत्मसात करें. वहीं, भारतीय नव वर्ष पर संघ के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश पहनकर संघ स्थान पर पहुंचते हैं और यहां शाखा लगने से पहले आद्य सरसंघचालक प्रणाम कर संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को याद करते हैं. ये प्रणाम वर्ष में केवल एक बार वर्ष प्रतिपदा के दिन ही शाखाओं पर होता है.