जयपुर.राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में इन दिनों सब कुछ शांत लग रहा है, न अशोक गहलोत सचिन पायलट (Gehlot vs Pilot) को लेकर कोई बयान दे रहे हैं और ना ही सचिन पायलट की ओर से किसी तरह की कोई बयान बाजी हो रही है. अंदर खाने आज भी गहलोत और पायलट के बीच कुर्सी की जंग चल रही है, यही कारण है कि सचिन पायलट रविवार को हुई "हाथ से जा हाथ" जोड़ो अभियान की बैठक में शामिल नहीं हुए तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह कहने से नहीं चूके कि जो नेता प्रभारी के आने के बावजूद कांग्रेस की बैठक में शामिल नहीं होते हैं, उन्हें लेकर पार्टी को सोचना चाहिए.
इससे पहले भी मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में शामिल नहीं होने वाले नेताओं पर मुख्यमंत्री कार्रवाई की बात कर चुके हैं. बहरहाल 380 नेताओं में से 240 नेता ही रविवार को कांग्रेस की बैठक में पहुंचे थे. इनमें से 42 में से 21 पदाधिकारी और करीब 60 विधायक और आधे से ज्यादा प्रत्याशी बैठक से नदारद थे. इसके विपरीत गहलोत के इशारे को सीधे तौर पर पायलट से जोड़ा जा रहा है. सोमवार को करीब 2 घंटे तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ चर्चा हुई. बैठक को लेकर भले ही यह कहा जा रहा है कि बचे हुए ब्लॉक अध्यक्षों, एआईसीसी सदस्यों, सहव्रत पीसीसी मेंबर और जिला अध्यक्षों को लेकर गहलोत डोटासरा और रंधावा के बीच मैराथन चर्चा हुई है. लेकिन हकीकत यही है कि रंधावा और गहलोत के बीच चर्चा का मुख्य मुद्दा सचिन पायलट ही (Randhawa discuss with Gehlot about Sachin) थे. पायलट भले ही रविवार को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए हों, लेकिन अब मंगलवार शाम को पंजाब के फतेहपुर साहिब में राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने पहुंचेंगे.