जयपुर.राजस्थान से बाहर गए भेड़ पालकों के लिए राइका सहारा बने हैं. राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य रामूराम रायका ने गत 7 अप्रैल से स्वयं के स्तर पर पीड़ितों का सहयोग करना शुरू किया. साथ ही अन्य राज्यों के ग्रामीण क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को उनके बारे में सूचना देकर उनका सहयोग कराया. उनके सहयोग से घर-परिवार से दूर इन राज्यों के क्षेत्र में गए पशुपालकों को भी संकट के इस दौर में सहयोग मिला.
राजस्थान से बाहर गए पशुपालकों का सहारा बने 'रामूराम' - ramuram raika news
राज्य से बाहर निष्क्रमण करके गए पशुपालकों और भेड़ पालकों के सामने कोराना में न केवल अपने भोजन का संकट ही खड़ा हुआ है. बल्कि उनके साथ बड़ी संख्या में रहने वाले मवेशियों के लिए भी चारा-पानी की व्यवस्था करना परेशानी का सबब बन गया था. संकट के समय में राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य रामू राम रायका जरूरतमंदों का सहारा बने और अनजान गांवों में मवेशियों के चारे पानी की व्यवस्था कराई.
आपको बता दें कि, रामूराम रायका इस दौरान मध्य प्रदेश के देवास 160, मोरी अशोकनगर 125, धर्मपुरी 52, नालसा 32, इंदौर के देपालपुर में 25, उत्तर प्रदेश के आगरा के बड़ागांव 65, करहल मैनपुरी 70, हरियाणा गुड़गांव 20, भगान 82 के साथ साथ राजस्थान के अलवर, बांसवाड़ा, सीकर सहित अन्य जगहों पर 500 से ज्यादा लोगों को इन क्षेत्रों के अधिकारों से खाद्य सामग्री देकर संकट के समय में सहयोग किया. वहीं इस बारे में अधिकारियों को जानकारी कराने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने तो राजस्थान के पशुपालकों को हर संभव सहयोग करने के लिए आदेश भी जारी कर दिए.
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वहीं रामूराम रायका का कहना है कि कोरोना संकट के समय जरूरतमंदों का सहयोग करना सक्षम लोगों का दायित्व बनता है. अपने ही प्रांत के पशुपालकों के मवेशियों के साथ अन्य राज्यों के ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले समस्याओं के बारे में जानकारी मिलने पर उनके सहयोग के लिए प्रयास किए. वहीं संबंधित क्षेत्र के जिला प्रशासन और व्यवस्था में लगे अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से मवेशियों के चारे-पानी, पशुपालकों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई.