सतीश पूनिया का गहलोत सरकार पर निशाना... जयपुर. राजधानी जयपुर में मकान निर्माण को लेकर आ रही बाधाओं के बाद परेशान शख्स की खुदकुशी के मामले में मंत्री महेश जोशी के नाम आने पर मसला लगातार बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को दोपहर में महेश जोशी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ट्विटर पर #महेश_जोशी_को_अरेस्ट_करो टॉप ट्रेंडिंग में रहा. लगभग 2 घंटे में 10000 ट्वीट के जरिए महेश जोशी को गिरफ्तार करने की मांग की गई थी.
इस मामले में हालांकि महेश जोशी अपना बयान देकर पूरे प्रकरण से अनभिज्ञता जता चुके हैं. जोशी के इस बयान के बाद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी. जयपुर पुलिस इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में ले चुकी है, लेकिन महेश जोशी को लेकर अब भी मृतक के परिजनों के साथ-साथ मामले की आवाज उठा रहे लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
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इस तरह बिगड़ा था मामला : जयपुर के चारदीवारी इलाके में चांदी की टकसाल के नजदीक एक मंदिर के अहाते से जुड़े प्लॉट पर रामप्रसाद मीणा नाम का शख्स मकान बनाने की तैयारी कर रहा था. नगर निगम का पट्टा होने के बावजूद रामप्रसाद मीणा को मकान नहीं बनाने दिया जा रहा था. इस सिलसिले में आत्महत्या करने से पहले मीणा ने एक वीडियो जारी करते हुए मंत्री महेश जोशी समेत कुछ लोगों के नाम लेकर आरोप लगाया था. साथ ही उनकी मौत के बाद एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसमें महेश जोशी के नाम का जिक्र था.
खुदकुशी केस के बाद जयपुर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए महेश जोशी का नाम भी रिपोर्ट में लिखा था, लेकिन उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है. 4 दिन तक किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में शव के साथ जयपुर में प्रदर्शन किया गया था. तब जाकर गुरुवार शाम को मौके पर ही शव का पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन सरकारी नौकरी वालों से समेत मंत्री की गिरफ्तारी के मामले पर अब तक दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन सकी है.
मीणा समाज की महिलाओं का ट्वीट :
सतीश पूनिया ने की बिहार से तुलना : रामप्रसाद मीणा आत्महत्या मामले को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में सतीश पूनिया ने कानून व्यवस्था के हालात की तुलना का जिक्र करते हुए बिहार से तुलना की. रामप्रसाद मीणा के साथ-साथ संजय पांडे का जिक्र करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि किसी भी शासन के लिए व्यवस्था से नाराज व्यक्ति की खुदकुशी का मसला बेहद शर्मनाक होता है. पूनिया ने अशोक गहलोत के गृहमंत्री होने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार को कानून व्यवस्था के मसले पर पूरी तरह से विफल करार दिया जाना चाहिए.