जयपुर.केंद्र की मोदी सरकार ने गांधी परिवार से जुड़े गैर सरकारी संगठन राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) और राजीव गांधी टैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए (Rajiv Gandhi Charitable Trust) लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह कार्रवाई 2020 में गृह मंत्रालय की ओर से गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति की जांच के बाद हुई है. लेकिन इस कार्रवाई से कांग्रेस खेमे में खासा नाराजगी देखने को मिली और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे सियासी दुर्भावना करार दिया. मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि केंद्र की मोदी सरकार किस हद तक गिर गई है. खैर, ऐसे कुप्रयासों से मोदी सरकार जनता की नजरों में खुद को ही एक्सपोज कर रही है.
मोदी सरकार का सियासी कुप्रयास:मुख्यमंत्री अशोकगहलोत ने ट्वीट किया कि राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का FCRA लाइसेंस रद्द करना मोदी सरकार की सियासी दुर्भावना का प्रतीक है. इन दोनों संस्थानों का भूकंप, सुनामी, कोविड समेत हर आपदा में पीड़ितों की मदद का इतिहास रहा है. राजीव गांधी फाउंडेशन अनाथों, महिलाओं और दिव्यांगों की सेवा करता है. साथ राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट महिला सशक्तिकरण और दृष्टिबाधितों की सेवा में पूरी तरह से समर्पित है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महज सियासी कारणों से इन दोनों गैर सरकारी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वहीं, इसके जरिए केंद्र सरकार अब गांधी परिवार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है.