जयपुर. विधानसभा बजट सत्र मंगलवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया. बजट सत्र में इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई घोषणाएं कर सभी को चौंकाया है. इसमें 19 जिलों की घोषणा महत्वपूर्ण थी. अब गहलोत सरकार की इन घोषणाओं पर विपक्ष ने सदन के बाहर भी हमला तेज कर दिया है. राजेंद्र राठौड़ ने भी बुधवार को कांग्रेस की विधायक दल की बैठक नहीं बुलाने, डॉक्टर पर लाठीचार्ज, ERCP, ओल्ड पेंशन स्कीम सहित कई मुद्दों पर सीएम गहलोत को निशाने पर लिया.
बिना हड्डी की जुबान से घोषणा : उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बीजेपी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि लैंड रिवेन्यू एक्ट में सरकार को जिला बनाने का अधिकार है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सीमा निर्धारण के बिना ही जिलों की घोषणा कर दें, ये नियमों के विरुद्ध है. राठौड़ ने कहा कि पर्यटक पूछ रहे हैं कि राजस्थान की राजधानी कौन सा जिला है. ये पहला मौका है जब किसी ग्राम पंचायत को सीधे जिला बना दिया गया हो. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी बिना हड्डी की जुबान से बस घोषणा पर घोषणा करते चले जा रहे हैं. सरकार खो रहे हुए जनाधार को ढूंढने की कोशिश कर रही है, लेकिन इनके फैसलों से लगातार विरोध प्रदर्शन ही हो रहे हैं.
विधायकों से ब्लैकमेल हो रहे सीएम :राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ही विधायकों से ब्लैकमेल हो रहे हैं. किसी भी विधायक ने इस्तीफे की धमकी दी तो उसके क्षेत्र को जिला बना दिया. इसका ताजा उदाहरण है दूदू, जिसको जिला बनाने का कहीं भी कोई प्रस्ताव नहीं था. सदन में जैसे ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे तो दूदू के विधायक ने कान में कुछ कहा और सीएम ने दूदू को जिला बनाने की घोषणा कर दी. जिला बनाने की एक प्रकिया होती है, नियमों के अनुसार पहले ग्राम पंचायत, फिर तहसील बनती है. तहसील के बाद उपखण्ड मुख्यालय और उसके बाद जिले की प्रक्रिया होती है.
विधायक दल की बैठक नहीं बुलाना लोकतंत्र का अपमान :राठौड़ ने कहा कि इस सरकार का अंतिम बजट सत्र समाप्त हो गया. राजस्थान के इतिहास में ये पहला मौका है जब किसी सत्तारूढ़ दल ने अपने बजट सत्र में विधायक दल की बैठक नहीं बुलाया हो. पिछले 25 सितंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में जो त्यागपत्र देने का नाटक हुआ और इस दौरान कांग्रेस आलाकमान के आदेश का अपमान हुआ, यह सबने देखा है. यहां तक कि ये पूरा मामला उच्च न्यायालय में चला गया.
उन्होंने कहा कि सरकार में अंतर्विरोध के कारण बिना विधायक दल की बैठक के बजट सत्र समाप्त हो गया. जबकि विधायक दल की बैठक बजट सत्र से पहले होती है. राठौड़ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सप्ताह में मंगलवार के दिन को तय किया है. हर मंगलवार को विधायक दल की बैठक होती है. राठौड़ ने कहा कि सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी विधायक दल की बैठक की मांग की है. विधायक दल की बैठक नहीं बुलाना लोकतंत्र का अपमान है.