जयपुर.राज्य सरकार ने कर्मचारी संवर्ग को अपना वोट बैंक बनाने के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम, आरजीएचएस जैसी योजनाएं लागू की. लेकिन कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग ग्रेड पे बढ़ाने और ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने जैसी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. कर्मचारियों की इसी नाराजगी को बीजेपी भुनाना चाहती है. यही वजह है कि रविवार को राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अधिवेशन में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ओल्ड पेंशन स्कीम को जारी रखते हुए इसकी विसंगतियों को दूर करने की बात कहते हुए कहा कि इस बार कर्मचारियों के मन में जो उबाल है, वो इस सत्ता को बर्बाद कर देगा.
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम का तोहफा दिया. हालांकि कर्मचारियों को एक चिंता सता रही है कि यदि सरकार बदलेगी और बीजेपी की सरकार आएगी, तो ओल्ड पेंशन स्कीम का क्या होगा. इसे लेकर कर्मचारियों के अधिवेशन में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्पष्ट किया कि ओल्ड पेंशन स्कीम को व्यवहारिक रूप से इसकी विसंगतियों को दूर करके मजबूती से लागू करेंगे.
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उन्होंने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम को लागू करने वाले अशोक गहलोत ही थे. जिन्होंने 2010 में वित्त मंत्री के रूप में हस्ताक्षर किए थे. आज राजस्थान का कर्मचारी सड़कों पर बैठा है. मंत्रालयिक कर्मचारियों के आंदोलन का 41वां दिन है. सरकार के कैबिनेट मंत्री वार्ता के लिए आश्वस्त करके गए, लेकिन अब तक वार्ता नहीं हो पाई है. ये कर्मचारी ओपिनियन मेकर हैं, ये सरकार के ताबूत में आखिरी कील ठोक देंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के थर्ड ग्रेड टीचर भी आंदोलनरत हैं, लेकिन ये ट्रांसफर पॉलिसी तब बनती जब सरकार की मंशा हो. जो सरकार ट्रांसफर को उद्योग मानती है और चांदी कूटने का काम करती है. उनसे इस प्रकार की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी इस पर नीतिगत फैसला करेगी.
वहीं कांग्रेस के प्रोटेस्ट को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इस तरह पुतले फूंकने से कांग्रेस को कोई लाभ होगा. दुनिया जानती है कि इन 9 साल में हिंदुस्तान की तस्वीर और तकदीर बदली है. हिंदुस्तान का गरीब मजबूत हुआ है. उसका जीवन स्तर बदला है. हिंदुस्तान में आधारभूत संरचना और मजबूत हुई है. इसमें यदि ट्यूबलर विजन रखकर कांग्रेस कुछ करेगी, तो इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है.