जयपुर.राजस्थान में Right to Health Bill को लेकर लंबे समय तक बवाल चला. निजी चिकित्सकों ने सरकार के इस विधेयक को लेकर आंदोलन किया. लेकिन मंगलवार को सरकार और डॉक्टर्स के बीच आखिरकार समझौता हो ही गया और अब प्रदेश में आहिस्ते-आहिस्ते चिकित्सा व्यवस्था सामान्य होने लगी है. वहीं, दूसरी ओर भले ही चिकित्सकों की हड़ताल खत्म हो गई हो, लेकिन राजस्थान में सियासी पारा अब एकाएक चढ़ गया है. चिकित्सकों के साथ हुए सरकार के समझौते पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बुधवार को इस मसले पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि जो आपत्ति हम विधानसभा में उठा रहे थे, अगर उस आपत्ति को उसी समय सरकार मान लेती तो 17 दिनों तक आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परेशान नहीं होना पड़ता. राठौड़ ने कहा ये सब जादूगर का छलावा है. यह समझौता ठीक वैसे ही है, जैसे खोदा पहाड़ निकली मरी चुहिया.
खोदा पहाड़ निकली मरी चुहिया - नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बुधवार को RTH को लेकर राज्य की गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. राठौड़ ने कहा कि डॉक्टरों और सरकार के बीच हुआ समझौता ठीक वैसे ही है, जैसे खोदा पहाड़ और निकली मरी चुहिया. प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालय RTH के दायरे से बाहर हो गए. विधानसभा में और प्रवर समिति में मूल रूप से कई बार कहा गया कि राइट टू हेल्थ देने से पहले सरकार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करें, अपनी फैकल्टी को ठीक करें. इस कानून को लागू करना है तो सबसे पहले अपने सरकारी क्षेत्रों में लागू करें. उसके बाद धीरे-धीरे निजी मेडिकल कॉलेज और चैरिटेबल हॉस्पिटल तक लेकर जाते. लेकिन इस सरकार ने तब विपक्ष की बात नहीं मानी और अब उसी को मानने के लिए मजबूर हो गई. खैर, पहले ही बात मान ली जाती तो आम लोगों को परेशान न होना पड़ता और न ही चिकित्सकों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ती. उन्होंने कहा कि एक नहीं हजारों हजार ऑपरेशन टलते चले गए. कई ऐसे लोग असमय इस दुनिया से चले गए, जो शायद बचाए जा सकते थे. सरकार आरटीएस को लागू करके कलंकित हुई है.
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ये सब जादूगर का छलावा - प्रदेश में गहलोत सरकार 181 पर शिकायत दर्ज कराने का जमकर प्रचार-प्रसार कर रही है. जगह-जगह होर्डिंग लगाए गए हैं और उन पर लिखा है कि सभी समस्याओं का समाधान 181 पर कॉल. गहलोत सरकार की ओर से इस 181 को लेकर जारी प्रचार-प्रसार पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि इससे बड़ा मजाक आम जनता के लिए और कुछ नहीं हो सकता है. आज कोई भी व्यक्ति 181 पर अपनी शिकायत दर्ज करा दें और उसके एक साल बाद भी उसका स्टेटस पता करे तो वही स्टेटस होगा जो आज है. ये सरकार आभासी सरकार है और सिर्फ आभास कराना चाहती है. समस्याओं के निदान से इनका कोई सरोकार नहीं है. जबकि वास्तविकता यह है कि हम बचपन में जादू देखा करते थे.