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पूर्व सैनिक आरक्षण मामला: समर्थन में उतरे राजेंद्र गुढ़ा, कहा- पूर्व सैनिकों के अधिकारों पर कुठाराघात नहीं होने दूंगा - Rajendra Gudha latest news

पूर्व सैनिकों के आरक्षण को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश चौधरी ने ओबीसी अभ्यर्थियों के पदों पर पूर्व सैनिकों (Ex Servicemen Reservation in Rajasthan) का कब्जा होने का आरोप लगाया है. हरीश चौधरी की इस मांग के खिलाफ सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा भी उतर आए हैं. गुढ़ा ने कहा कि सैनिक हमारे देश का मान है इनके अधिकारों के साथ कोई कुठाराघात नहीं होने दूंगा.

Rajendra Gudha supports ex servicemen reservation
राजेंद्र गुढ़ा पूर्व सैनिकों के समर्थन में

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Published : Nov 14, 2022, 8:00 PM IST

जयपुर.पूर्व सैनिकों के आरक्षण को लेकर प्रदेश में सियासत तेज है. ओबीसी आरक्षण में कोटे को लेकर अब पूर्व सैनिकों ने भी विरोध शुरू (Ex Servicemen Reservation in Rajasthan) कर दिया है. गहलोत सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत को निशाने पर लेते हुए ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने की मांग की थी. इस मांग के बाद सैनिक कल्यान मंत्री राजेंद्र गुढ़ा पूर्व सैनिकों के समर्थन में आ गए हैं. उन्होंने कहा है कि सैनिकों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे.

हरिश चौधरी का कहना है कि सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 17 अगस्त 2018 को एक नया नियम जोड़ा. इस नियम के तहत पूर्व सैनिकों को 12.5% होरिजेंटल आरक्षण दिया गया. इस नियम की वजह से ओबीसी के अभ्यर्थियों के पदों पर पूर्व सैनिकों (Harish Chaudhary on Ex Servicemen Reservation) का कब्जा होने लगा है. ऐसे में ओबीसी वर्ग के मूल अभ्यर्थी सरकारी नौकरियों में चयनित होने से वंचित हो रहे हैं. चौधरी कि इस मांग के बाद सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा पूर्व सैनिकों के समर्थन में उतर आए. गुढ़ा ने कहा कि हरीश चौधरी के दिमाग में क्या है, ये समझ से परे है. लेकिन मैं पूर्व सैनिकों के अधिकारों पर कुठाराघात नहीं होने दूंगा. इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़ेगा तो मैं जाऊंगा.

समर्थन में आए राजेंद्र गुढ़ा

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पूर्व सैनिकों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा :राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि सैनिक कल्याण विभाग मेरे पास है, इसलिए पूर्व सैनिकों के साथ कोई कुठाराघात नहीं होने दिया जाएगा. इस मामले के लिए चाहे किसी भी हद तक जाना पड़े, मैं जाऊंगा. यह हमारी देश की रक्षा के लिए बॉर्डर पर जान जोखिम में डालते हैं. देश की हिफाजत जिन लोगों के कंधे पर है, उनके हितों के साथ कोई भी कुठाराघात नहीं होगा. गुढ़ा ने कहा कि मैं उस जिले और शेखावाटी आता हूं जिसकी पहचान ही सेना से है. जिस तरीके से मोदी सरकार ने अग्निवीर और अग्निपथ लाकर सैनिक के ढांचे को ध्वस्त करने का काम किया है, इसके ऊपर दूसरा कुठाराघात राजस्थान की सरकार में नहीं होने देंगे.

पूर्व सैनिक आरक्षण का मामला

नेता तो भ्रष्ट हैं :गुढ़ा ने कहा कि देश में आज के समय में कोई काम कर रहा है तो वो देश के सैनिक हैं. इनका काम सर्वोच्च (Rajendra Gudha supports ex servicemen reservation) है. नेता के ऊपर तो भ्रष्टाचार, जातिवाद और भाई भतीजावाद के आरोप लगते हैं. लेकिन हमारे सैनिकों में कोई जाति, कोई परिवार और कोई भाई-भतीजावाद नहीं है. वो निस्वार्थ देश की रक्षा करते हैं. गुढ़ा ने कहा कि हम सुरक्षित इसलिए है क्योंकि हमारे जो सैनिक हैं, भारत माता के लिए बॉर्डर पर सीना तान के खड़े हैं. उन्होंने कहा कि जब सैनिक का जनाजा हमारे गांव में आता है, तो शव यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धांजलि देने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि हरीश चौधरी के दिमाग में क्या है, यह पता नहीं लेकिन पूर्व सैनिकों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए.

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पूर्व सैनिकों ने भी दिया धरना :ओबीसी आरक्षण में पूर्व सैनिकों के कोटे को लेकर चल रही इस मांग के बाद अब पूर्व सैनिक भी ने भी विरोध शुरू कर दिया है. पूर्व सैनिकों ने कहा कि ये दुःख का विषय है कि जाति, धर्म, सम्प्रदाय और वर्ग के नाम पर कुछ व्यक्ति या समूह अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए समय-समय पर ऐसी मांग या सवाल खड़े करते रहते हैं. ये सामाजिक सौहार्द और एकता को खंडित करता है. अब तो राजनैतिक स्वार्थ और वर्ग विशेष का नेता बनने के प्रयास में सैनिकों के खिलाफ सरकार पर गलत निर्णय लेने का दबाव बनाया जा रहा है. सिविल सेवाओं में पूर्व सैनिकों के लिए जारी नोटिफिकेशन 1988 के अनुसार अब तक बिना भेदभाव के पूर्व सैनिकों को 12.5% और 15% आरक्षण मिल रहा था. इसे चयनित पूर्व सैनिक से सम्बद्ध वर्ग को प्राप्त आरक्षित सीमा में समायोजित ग्रुप किया जाता रहा है.

हाल ही में 17 अप्रैल 2018 के नोटिफिकेशन में भी उसी सिस्टम को बरकरार रखते हुए केवल राज्य सेवाओं में 5% अतिरिक्त आरक्षण का विधान जोड़ा गया है, कोई नया बदलाव नहीं किया गया. अब कुछ लोग निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए पूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण से अलग आरक्षण की मांग का दबाव सरकार पर बना रहे हैं. ये सोच और कदम सेना और पूर्व सैनिक परिवारों के लिए मनोबल गिराने जैसा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार किस भी तरह से राजनीतिक दबाव में आकर पूर्व सैनिकों के अधिकारों के साथ कुठाराघात करती है तो ये सैनिक जो देश की रक्षा के लिए बॉडर पर सीना ताने खड़ा रहता है वो जरूरत पड़ने पर अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने में पीछे नहीं रहेगा.

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