जयपुर. महात्मा गांधी ज्योतिबा फुले की जयंती पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश रहेगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 11 अप्रैल यानी ज्योतिबा फुले की जयंती के ऐच्छिक अवकाश को सार्वजनिक अवकाश के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सोमवार को मंजूरी दे दी है. अब तक फुले जयंती पर ऐच्छिक अवकाश दिया जा रहा था. बता दें कि पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को घोषणा की थी कि वे ज्योतिबा फुले के स्मारक पर प्रदेश सरकार के खिलाफ एक दिवसीय अनशन करेंगे.
सीएम ने प्रस्ताव को मंजूरी :बता दें कि प्रदेश में सीएम गहलोत ने आमजन की भावना और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है. प्रस्ताव के अनुसार महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर हर वर्ष ऐच्छिक अवकाश को सार्वजनिक अवकाश रूप में बदला गया है. इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना अनुमोदन भी दे दिया है. इससे पहले सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से पूर्व में जारी किये आदेश में महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया था.
सामाजिक संगठनों की मांग :दरअसल महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड टीम राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सैनी, देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना सहित कई सामाजिक संगठनों ने महात्मा ज्योतिबा फुले को एक महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी लेखक और दार्शनिक बताते हुए उनकी जयंती को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की थी. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में ज्योतिबा फुले के बारे में कहा गया था कि समाज में कुरीतियों से मुक्त करने के लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन किया गया. सर्वप्रथम महिला शिक्षा को बढ़ावा देने और छुआछूत को कम करने के लिए साथ ही में लड़कियों के लिए भारत का पहला विद्यालय खोला जाने सहित कई ऐसे काम ज्योतिबा फुले के उसी किए गए हैं. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन महिलाओं की शिक्षा, अधिकार दिलाने, बाल विवाह रोकने, विधवा विवाह का समर्थन करने में लगा दिया. ऐसे राष्ट्रीय विभूति के सम्मान में राज्य सरकार को उनकी जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए.