जयपुर.राजस्थान में पेपर लीक (Paper Leak in Rajasthan) माफिया की जड़ें गहरी और मजबूत होती जा रही है. इसका खामियाजा नौकरी की आस में कई सालों तक तैयारी, कोचिंग और दूसरे शहरों में जाकर लाखों रुपए खर्च करने वाले युवाओं को भुगतना पड़ता है. साल 2022 युवा बेरोजगारों को ऐसे जख्म दे गया कि अब उन्हें 2023 में होने वाली भर्ती परीक्षाओं की भी चिंता सता रही है. चिंता इस बात की कि कहीं आने वाली परीक्षाएं भी पेपर लीक की भेंट न चढ़ जाए.
साल 2022 प्रदेश के युवा बेरोजगारों के लिए खास नहीं रहा. युवाओं का राज्य सरकार पर से भरोसा उठा. यही कारण है कि बीते दिनों बेरोजगार युवाओं ने पहले गुजरात और फिर कुछ युवाओं ने दिल्ली तक का सफर तय किया. दांडी यात्रा से लेकर सत्याग्रह आंदोलन तक चलाए गए. सड़कों पर रातें बिताई, बारिश में भीगे और पुलिस की लाठियां भी झेली. बदले में युवाओं को नई भर्तियों का आश्वासन तो मिला, लेकिन लगातार सामने आ रहे पेपर लीक के मामलों से अब युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है. हालांकि, राज्य सरकार ने पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने के लिए कानून भी बनाया. बावजूद इसके पेपर आउट का खेल बदस्तूर जारी है. कारण साफ है कि पेपर लीक के प्रकरणों में गुनहगारों को पकड़ा जरूर गया लेकिन कठोर कार्रवाई नहीं की गई.
पेपर लीक माफिया का शिकार हुई 2022 की ये परीक्षाएं :
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गुजरात में दांडी यात्रा
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जयपुर से दिल्ली तक साइकिल यात्रा
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युवाओं ने प्रमुखता से उठाई ये मांगें
साल 2022 की आखिरी दो बड़ी परीक्षाओं का पेपर लीक होने के बाद बेरोजगारों का भरोसा राज्य सरकार और भर्ती एजेंसियों से उठ सा गया है. 2023 में होने वाली चार बड़ी परीक्षाओं में करीब 37 लाख अभ्यर्थी भाग लेंगे. ऐसे में कर्मचारी चयन बोर्ड के लिए भी बड़ी चुनौती होगी.