जयपुर. प्रदेश में चल रहे गांधी सप्ताह के अंतर्गत गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी बजट घोषणा को पूरा करना जा रहे हैं. इसके तहत सामाजिक न्याय औरअधिकारिता विभाग की ओर से तैयार सिलिकोसिस पॉलिसी का आज विमोचन होगा. सिलिकोसिस नीति लागू करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन जाएगा.
'सिलिकोसिस नीति' लागू करने वाला राजस्थान बनेगा पहला प्रदेश इससे प्रदेश के 20 से 22 हजार सिलिकोसिस ग्रस्त मजदूरों और उनके परिवारों को प्रत्यक्ष तौर पर लाभ मिलेगा. जिसका उद्देश्य सिलिकोसिस बीमारी से प्रभावित खनन श्रमिकों को तुरंत राहत देना, उनको पुनर्वास और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, राजस्थान की इस पॉलिसी को जानने समझने के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्य के सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, खान श्रमिकों के विषय विशेषज्ञों के साथ गुरुवार को विशेष सत्र का आयोजन होगा.
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सुबह 10 बजे से 11 बजे तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सिलिकोसिस नीति का विमोचन करेंगे. उसके बाद 11:30 से 1:30 तक सामाजिक कल्याण सत्र होगा, जिसमें मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल और मंत्री राजेंद्र यादव मौजूद रहेंगे. वहीं दूसरे सत्र में गांधीवाद और सामाजिक न्याय की अवधारणा विषय पर संगोष्ठी आयोजित होगी. जानकारों की मानें तो इस नीति में सिलिकोसिस ग्रस्त को 5 लाख की सहायता राशि के अलावा 4 हजार प्रति माह पेंशन सहित अन्य कई लाभ का प्रावधान किया जाएगा. इस पॉलिसी से प्रदेश के करीब 17 जिलों में पत्थर तोड़ने और घिसने का काम कर रहे सर्टिफाइड सिलिकोसिस रोगियों को लाभ होगा.
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दरअसल, राजस्थान में 17 राज्यों में 10 लाख लोग खनन के काम से जुड़े हैं. जिसमें पत्थर तोड़ते और घिसाई करते वक्त सिलीका नाम की धूल शरीर के अंदर प्रवेश कर जाती है. जो धीरे-धीरे सिलिकोसिस रोग में बदल जाती है. सिलिकोसिस पोर्टल के अनुसार प्रदेश में न्यू को नियोसिस बोर्ड से 22 हजार प्रमाणित रोगी है. जिनमें करौली में औसतन 4208 जीवित और576 मृतक रोगियों का आंकड़ा है.