राठौर बोले शराब की तरह हो रही खून की तस्करी जयपुर.राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सदन में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से जोधपुर के एस.एन. मेडिकल कॉलेज में खून की बेकदरी का मुद्दा उठाया. उन्होंने माइक्रोबायोलॉजी लैब में घुसकर श्वान के खून सहित अन्य सैंपल्स को पर्चियों सहित मुंह में दबाने की घटना और खून की कालाबाजारी पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई न करने का मुद्दा उठाया.
11 फरवरी की घटना का किया जिक्र- राठौड़ ने सदन में कहा कि डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज में 11 फरवरी को एक घटना सामने आई. जिसमें मरीजों की जांच के सैंपल का खून कुत्ते पी गए और जब संबंधित अधिकारी से इसके बारे में बात की तो उनका रवैया बेहद खराब था. घोर लापरवाही पूर्ण जवाब देते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी. विधायक ने कहा- लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जिस जगह पर आम आदमी आसानी से नहीं पहुंच सकता वहां पर इस कदर कुत्ते पहुंच जाएं, खून पी जाएं साथ में पर्चियों को भी फाड़ दें . इससे बड़ी घोर लापरवाही क्या हो सकती है? राठौड़ ने कहा कि राइट टू हेल्थ की बात हो रही है, हम भी समर्थन में है बिल आना चाहिए , लेकिन जब तक मेडिकल इंस्पेक्टर को ढंग से सही नहीं किया जाएगा तब तक कोई भी बिल सार्थक नहीं होगा.
खून की तस्करी - राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पिछले दिनों मामला सामने आया था कि उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने 3000 ब्लड की थैलियों को जब्त किया था. ये ब्लड राजस्थान के चोमू, सीकर और जयपुर से सप्लाई हुआ था. इन ब्लड बैग्स में केमिकल मिलाकर दोगुना किया गया. यूपी की टास्क फोर्स ने राजस्थान के ड्रग कंट्रोल बोर्ड को कहा कि उसकी जांच कराएं लेकिन आज तक इस मामले की जांच नहीं हुई. राठौड़ ने मांग की कि राजस्थान सरकार स्पेशल टास्क फोर्स बना कर इस पूरे मामले की जांच करे.
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क्या था मामला?-बता दें कि 11 फरवरी को मारवाड़ के सबसे बड़े अस्पताल डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग में गंभीर लापरवाही सामने आई थी, इस लैब में वैसे तो बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन इसी में घुसकर श्वान ( कुत्ते ) मरीजों के खून सहित अन्य सैम्पल को पर्चियों सहित मुंह में दबाकर भाग गए. इन्हें सड़क पर लाकर खाया और पर्चियों को नोच-नोचकर फाड़ दिया. ऐसे में लैब की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही मरीजों के इलाज पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. सैंपल पर्ची रक्त से सनी और फटी हुई बाहर मिली थी. ये ब्लड सैंपल उन मरीजों के थे जिनका 12 फरवरी को ऑपरेशन होना था.