जयपुर.राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रों को दुर्घटना में घायल होने पर 24 घंटे किसी (increase the aid amount given to the students) भी चिकित्सालय में एक लाख रुपए तक की चिकित्सा सहायता मिलेगी. वहीं मृत होने की स्थिति में छात्र के परिजन को 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी. पूर्व में घायल छात्र के उपचार के लिए 70 हजार और मृत छात्र के परिजनों को 7 लाख तक की सहायता राशि दी जाती थी. जिसे इस सत्र बढ़ाया गया है.
राजस्थान विश्वविद्यालय ने इस वर्ष छात्रों के हित में बड़ा फैसला लिया है. विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर नरेश मलिक के अनुसार इस संबंध में बुधवार को 3 बजे कुलपति सचिवालय में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के वरिष्ठ अधिकारियों और राजस्थान विश्वविद्यालय के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते को मूर्त रूप दिया जाएगा. प्रोफेसर मलिक के अनुसार विश्वविद्यालय के छात्रों से उनके प्रवेश के समय ली जाने वाली 100 रुपए की राशि में कोई भी वृद्धि नहीं की है.
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विगत शैक्षणिक सत्र में 100 रुपए की राशि विश्वविद्यालय में छात्र दुर्घटना सहायता योजना के लिए ली जा रही थी. इस राशि के आधार पर दुर्घटना में घायल छात्र को 70 हजार रुपए चिकित्सा सहायता के लिए और 7 लाख रुपए छात्र की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को दिए जाने का प्रावधान था. जिसे इस वर्ष 1 लाख और 10 लाख रुपए किया जा रहा है. राजस्थान विश्वविद्यालय के महाराजा कॉलेज, महारानी कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज, राजस्थान कॉलेज के साथ ही दोनों लॉ कॉलेज और विश्वविद्यालय के 37 पोस्टग्रेजुएट विभागों में पढ़ने वाले करीब 30 हजार छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा.
उधर, जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के नियमित छात्र, स्वयंपाठी और पूर्व छात्रों की आचार्य द्वितीय वर्ष के प्रथम सेमेस्टर और शास्त्री द्वितीय वर्ष (पुरानी स्कीम) की परीक्षा 4 जनवरी से शुरू होगी. परीक्षा नियंत्रक डॉ. सुभाष शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में 34 केंद्रों पर एक पारी में होने वाली परीक्षा 11 जनवरी तक चलेगी. परीक्षार्थियों को डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा. नकल रोकने के लिए विशेष उड़नदस्तों का गठन किया गया है.