जयपुर.साल 1995 में शुरू हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी के यूथ फेस्टिवल घूमर की इंटरनेशनल छवि को बरकरार रखने के लिए पड़ोसी देशों के साथ-साथ इंग्लैंड और चीन की यूनिवर्सिटी से भी संपर्क साधा जा रहा है. इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों की करीब 30 यूनिवर्सिटीज से एप्रोच किया गया है. हालांकि, अंतिम समय में यूथ फेस्ट की डेट फाइनल होने के चलते वीजा मिलने की लंबी प्रक्रिया की वजह से विदेशी यूनिवर्सिटीज की दूरी बढ़ती जा रही है.
प्रदेश के सबसे बड़े राजस्थान विश्वविद्यालय में 1995-96 में पहला यूथ फेस्टिवल घूमर आयोजित किया गया था. उस वक्त करीब 14 देशों की यूनिवर्सिटी ने इस फेस्टिवल भाग लिया था. वहीं, भारत के 30 से ज्यादा यूनिवर्सिटी के प्रतिभागियों ने इस फेस्टिवल में शिरकत की थी. जिसकी वजह से 'घूमर' के साथ इंटरनेशनल शब्द भी जुड़ गया. लेकिन समय के साथ-साथ विदेशी यूनिवर्सिटी की संख्या कम होती चली गई और आखरी बार जब घूमर फेस्टिवल हुआ तो उसमें भारत के अलावा महज एक अन्य देश की टीम ने शिरकत की. वहीं, बीते दो साल से कोविड के कारण ये फेस्टिवल नहीं हो सका. ऐसे में घूमर फेस्ट की इंटरनेशनल छवि को बरकरार रखने की कवायद की जा रही है.
राजस्थान यूनिवर्सिटी के डीएसडब्ल्यू डॉ. नरेश मलिक ने बताया कि दूसरे देशों की यूनिवर्सिटी को यहां आकर फेस्टिवल में शामिल होने की एक लंबी प्रक्रिया है. उनके वीजा में काफी समय लगता है. जिसके लिए एक पर्याप्त समय चाहिए. इसे ध्यान में रखते हुए अब यूनिवर्सिटी प्रशासन से बात की है कि वो पूर्व में ही घूमर फेस्टिवल की डेट अनाउंस करते हुए कैलेंडर जारी करें. वहीं, फेस्टिवल को लेकर उन्होंने बताया कि घूमर का आयोजन 5 और 6 अप्रैल को किया जा रहा है. जिसमें लगभग 35 प्रतियोगिताएं होंगी. इसको लेकर देश की करीब 30 यूनिवर्सिटी को अप्रोच किया गया है. इसके अलावा भूटान, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की यूनिवर्सिटीज से भी संपर्क करते हुए उन्हें निमंत्रण भेजा जा रहा है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र इंग्लैंड और उनके छात्रों से भी संपर्क में हैं.