जयपुर. सड़क, सीवर, सफाई जैसे कार्यों के लिएनगरीय निकाय (municipal body) की ओर देखने वाले शहरवासियों को महामारी के दौर में भी इन्हीं से आस रही. इस पर खरे उतरने की कोशिश करते हुए जयपुर के दोनों निगम सहित प्रदेश के निकायों ने शहर को संक्रमण से बचाने के साथ-साथ आम जनता को जागरूक भी किया. यही नहीं नि:शुल्क भोजन, कोविड मृतकों का नि:शुल्क अंतिम संस्कार, सैनिटाइजेशन, मास्क वितरण का काम करते हुए मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया.
कोरोना के दौरान जयपुर निकायों ने लोगों तक पहुंचाई मदद प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पहले से ज्यादा घातक साबित हुई. हालांकि अब संक्रमण का दौर कम हुआ है लेकिन आम जन जीवन को पटरी पर आने में अभी भी समय लगेगा. यही वजह है कि राज्य सरकार ने 23 जून तक जरूरतमंदों को इंदिरा रसोई के माध्यम से नि:शुल्क भोजन कराने की व्यवस्था कर रखी है. नगर निगम हेरिटेज उपायुक्त आशीष कुमार (Deputy Commissioner Ashish Kumar)ने बताया कि इंदिरा रसोई के माध्यम से नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराने के साथ इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया गया. इसके अलावा दानदाताओं और भामाशाहों के माध्यम से कच्ची बस्तियों में भी फूड पैकेट वितरित किए जा रहे हैं.
जयपुर निकायों द्वारा की गई मदद के कुछ आंकड़े वहीं कोविड मृतक के नि:शुल्क अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार की व्यवस्था भी नगर निगम प्रशासन (municipal administration) द्वारा की गई. इसके अलावा क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने आदर्श नगर क्षेत्र में कोविड केयर सेंटर की स्थापना की गई थी जहां निगम प्रशासन द्वारा सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की गई.
ग्रेटर नगर निगम एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि कोरोना में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मास्क बांटने का काम किया गया. इसके अलावा जिन क्षेत्रों में कोविड पॉजिटिव मिले उन घरों और क्षेत्र में सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की गई.
निगम कर्मचारी राहत सामाग्री बांटते हुए वहीं बगराना में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर को सैनिटाइज करने और साफ-सफाई करने का दायित्व निभाया गया. जबकि बीलवा में खोले गए कोविड केयर सेंटर को जेडीए के साथ मिलकर तैयार कराया गया.
अलग से रसोई संचालित हुई-
इसके अलावा जयपुरिया, आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों और उनके परिजनों के लिए भी अलग से रसोई संचालित की गई. जयपुर के दोनों नगर निगम की तरह ही प्रदेश की सभी नगरीय निकायों ने कोरोना काल में अपनी भूमिका अदा की.
नगरीय निकाय के कर्मचारी सैनिटाइजेशन करते हुए पहुंचाई जा रही मुफ्त सुविधाएं-
नि:शुल्क भोजन, नि:शुल्क अंतिम संस्कार की सुविधा मुहैया कराई गई. यही नहीं नगरीय निकाय द्वारा चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य किया जा रहा है जिसका 10 दिन के अंदर वर्क ऑर्डर देकर काम शुरू किया गया. दो महीने में प्रदेश मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर आत्मनिर्भर बन जाएगा.
गाइडलाइंस की पालना नहीं करने वालों पर कार्रवाई-
इसके अलावा चिकित्सा विभाग के साथ मिलकर निकायों ने वैक्सीनेशन शिविर लगाने में भी योगदान दिया. कुल मिलाकर महामारी के इस दौर में प्रदेश के निकायों ने बेहतर काम किया.
अभी भी कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार किए हुए है. इसके साथ ही आने वाले में कोरोना से निपटने के लिए अच्छी रणनीति बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ही आगे चलकर लोगों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसे लेकर आम लोगों तक राहत पहुंचाई जा रही है.