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गहलोत का इशारों इशारों में तंज, कहा- अपमान का घूंट पीना सीखना चाहिए

एक दिन पहले सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर (Gehlot Pilot Controversy) तीखा हमला करते हुए, गद्दार करार दिया था. वहीं, शुक्रवार को भी उन्होंने इशारों में तंज कसा है. राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन में गहलोत ने कहा कि जिसको आगे बढ़ना है, उसको अपमान का घूंट पीना सीखना चाहिए.

CM Gehlot Big Statement
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

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Published : Nov 25, 2022, 5:34 PM IST

जयपुर. जिसको आगे बढ़ना है, उसको अपमान के घूंट पीना सीखना चाहिए. सीएम अशोक गहलोत राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन के मंच से ये बात कही. जिसके मायने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पर तंज के रूप निकाले जा रहे हैं. एक दिन पहले ही उन्होंने सचिन पायलट को साफ तौर पर गद्दार बताते हुए सवाल उठाया था कि प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए जिसने पार्टी से बगावत की, वो कैसे सीएम बन सकता है. हालांकि, गहलोत ने अपमान का घूंट पीना सीखने की बात डॉ. अंबेडकर और गांधीजी से जोड़ते हुए कही थी.

राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर की ओर से (Rajasthan Shikshak Sammelan 2022) आयोजित राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन में पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जिसे आगे बढ़ना है, उसे अपमान का घूंट पीना सीखना चाहिए. अगर अंबेडकर और गांधी जी ने अपमान का घूंट नहीं पिया होता, तो देश और दुनिया में उनका नाम नहीं होता. सीएम ने आगे बाबासाहेब को याद करते हुए कहा की छुआछूत मानवता के लिए सबसे बड़ा कलंक है. इसे दूर करने के लिए बाबा साहेब ने संविधान का निर्माण किया और समानता का अधिकार दिया. अगर लोकतंत्र नहीं होता तो गरीब को कौन पूछता?. अंबेडकर ने आजादी के साथ ही महिला-पुरुषों को समानता का अधिकार दिया. शिक्षित बनो-संघर्ष करो-आगे बढ़ो का नारा दिया जो आज भी जीवंत है.

किसने क्या कहा, सुनिए...

उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक पार्टी से (Rajasthan Political Crisis) टिकट मांगते हैं, टिकट मिलता है तो जाति एकता की बात करते हैं. वर्ग की बात कोई नहीं करता. लेकिन राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जिसमें प्रमोशन में आरक्षण को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी गई, और इसे लागू भी किया गया. उन्होंने कहा कि देश में पूर्वर्ती यूपीए गवर्नमेंट को बदनाम किया गया. आरएसएस और बीजेपी ने अन्ना हजारे को लोकपाल और काला धन के नाम पर धरने पर बैठा दिया. 2G स्पेक्ट्रम, कोलगेट, काला धन के नाम पर बदनाम किया. लेकिन आज इसकी कोई चर्चा नहीं करता. अगर किसी ने बेईमानी की थी तो जेल में क्यों नहीं डाला गया. आज धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है, लेकिन आग लगाना आसान है बुझाना बहुत मुश्किल होता है.

इस दौरान उन्होंने प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा रसोई योजना का भी जिक्र किया. साथ ही बताया कि गांव में 100 की बजाए अब 125 दिन का रोजगार दिया जा रहा है. छात्रों को फ्री कोचिंग दी जा रही है. स्कूटी दे रहे हैं, साइकिल दे रहे हैं. आवासीय विद्यालय बना रहे हैं, और विदेश भेजने के लिए भी मेरिट के आधार पर 200 से ज्यादा बच्चों को 50 लाख से एक करोड़ जो भी खर्चा हो रहा है वो सरकार दे रही है. उन्होंने कहा कि इन छात्रों में एसटी-एससी के बच्चे हैं या नहीं इसकी जानकारी नहीं, लेकिन कोशिश करनी होगी की एसटी-एससी के बच्चे भी विदेशों में जाकर पढ़ाई करें.

उन्होंने कहा कि देश में फालतू की बहस की जाती है कि अंबेडकर और नेहरू की नहीं बनती थी. सुभाष चंद्र बोस और नेहरू की नहीं बनती थी. ये फालतू की बहस है, उनके मतभेद हो सकते थे, लेकिन मन भेद नहीं होते थे. क्योंकि उद्देश्य एक होता था. सत्ता में ऐसे झूठे लोग आकर बैठ गए हैं, जो झूठ बोलते रहते हैं. इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करते हैं. ये फासीवादी प्रवृत्ति है. लेकिन लोकतंत्र जिंदा रहेगा, तभी आने वाली पीढ़ी का भला होगा. लोकतंत्र में गरीब के पास वोट की ताकत है, जिसके लिए बड़े से बड़े लोग उसके सामने झुकते हैं.

सीएम गहलोत ने कहा कि किसानों के लिए अलग बजट पेश किया. इस बार युवाओं के लिए बजट पेश करेंगे. जहां तक शिक्षकों से गैर शैक्षिक कार्य कराने की बात है, तो इसमें शिक्षकों को ऐतराज हो जाता है. लेकिन सरकार का विश्वास है कि शिक्षक में करामात होती है, जो हर काम कर सकता है. राजीव गांधी ओलंपिक खेल भी शिक्षकों के बिना संभव नहीं हो सकते थे. उन्होंने कहा कि महंगाई ने सब की कमर तोड़ दी है. बेरोजगारी बहुत भयंकर है. राज्य सरकार ने तो 1 लाख 35 हजार नौकरी दे दी. 1 लाख 25 हजार प्रोसेस में है और एक लाख की घोषणा और कर रखी है. फिर भी कुछ साथी संगठन बनाकर बेरोजगारों को भड़काते रहते हैं. जबकि उन्हें भड़काने की वजह है पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि वो कामयाब हो सके.

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उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार 4 कैबिनेट मंत्री अनुसूचित जाति से बने हैं. आने वाले समय में दलित वर्ग के लिए सरकार और भी बहुत कुछ कर सकती है. विधायक भी मांगते मांगते थक जाएंगे, लेकिन वो देते देते नहीं थकेंगे. उन्होंने बजट सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि हमने जो घोषणा है कि उसे पूरा करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा था कि पैसा कहां से लाओगे. तब उन्हें जवाब दिया था कि 'कटारिया जी चिंता आप क्यों करते हो, चिंता मुझे करने दो, मैं जादूगर हूं, पैसे जादू से आएंगे, वित्तीय प्रबंधन से आएंगे'.

सीएम ने कहा कि राजस्थान पहला प्रदेश था जिसने दोबारा ओल्ड पेंशन लागू की. राजस्थान के बाद कुछ दूसरे राज्यों ने भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी. बाकी को भी आज नहीं तो कल ऐसा करना पड़ेगा. आखिर में उन्होंने कहा कि एमएसएमई एक्ट में एससी-एसटी के लोगों के लिए एक्स्ट्रा अनुदान रखे जाने की बात कही. साथ ही अपील की कि अगर अगली बार भी सरकार बना दोगे, तो कोई कमी नहीं रहने देंगे.

गोविंद राम मेघवाल ने RSS पर कसा तंज, गोडसे को बताया नरभक्षी : सम्मेलन में सीएम के साथ मंत्री टीकाराम जूली, मंत्री भजन लाल जाटव और मंत्री गोविंद राम मेघवाल भी मौजूद रहे. सीएम के पहुंचने से पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि आरएसएस के लोग पूरे देश में जहर फैलाने का काम कर रहे हैं. राहुल गांधी ने भी कहा कि आरएसएस के लोगों ने संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है. रेलवे बेच दिया, एयरपोर्ट और सड़क भी बेच दी. सेना को भी 4 साल में समेट दिया. ये बीजेपी वाले, आरएसएस वाले, जिन्होंने महात्मा गांधी को गोली मारी, उनको सावरकर को पढ़ने दो. देश का प्रजातंत्र खतरे में है, संविधान खतरे में है, इन आरएसएस के बदमाशों ने पार्लियामेंट के सामने संविधान जलाने का काम किया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि जहां बीजेपी का राज है, वहां महिलाओं और दलितों को मंदिरों में घुसने नहीं दिया जाता. उन्होंने यूपी के सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि वो भगवा कपड़े पहनते हैं, लोगों को मूर्ख बनाते हैं, वहां यूएपीए से लोगों को डराते हैं. इस दौरान उन्होंने नाथूराम गोडसे को (Govind Ram Meghwal Targets RSS) नरभक्षी बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराया और नरभक्षी गोडसे ने उन्हें गोली मार दी. उन्होंने कहा कि पहले गोरों से लड़े थे, अब चोरों से लड़ेंगे, क्योंकि यहां जाति से जाति लड़ा कर बांटा जा रहा है.

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