विद्याधर नगर सीट का लेखाजोखा. जयपुर.राजस्थान में विधानसभा चुनाव की आहट चुनावी मैदान पर हल्के ही सही पर सुनाई देने लगी है. इस बार सत्ता में काबिज कांग्रेस जनकल्याणकारी योजनाओं के दम पर सरकार को रिपीट कराने का ख्वाब देख रही है. वहीं, विपक्ष में बैठी बीजेपी किसान कर्ज माफी , पेपर लीक , महिला हिंसा जैसे मुद्दों को ढाल बनाकर कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाते हुए जीत की राह आसान बनाने में जुटी है. लेकिन राजस्थान की राजनीति का समीकरण देखें तो यहां चुनाव में सामाजिक मुद्दे नहीं, बल्कि जातिगत और व्यक्ति के चेहरे पर चुनाव होते हैं. राजनीतिक दलों के बीच जारी सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच आज हम आपको विद्याधर नगर विधानसभा सीट का हाल बता रहे हैं.
इस सीट से लगातार तीन बार से नरपत सिंह राजवी चुनाव जीतते आ रहे हैं . राजवी को इस राजपूत बाहुल्य सीट पर पूर्व राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे भैरोंसिंह शेखावत के दामाद होने का फायदा मिलता है. यह सीट जयपुर की वीवीआईपी सीटों में से एक है.
पिछले विधानसभा चुनाव में यह रहा परिणाम. जयपुर में 19 विधानसभा सीटःजयपुर जिला वैसे भी बीजेपी का गढ़ माना जाता है. जयपुर जिले में 19 विधानसभा सीटें हैं. 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 9 ,बीजेपी ने 7 और तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीयों ने जीत दर्ज की थी. जिले में कोटपूतली विधानसभा सीट से कांग्रेस के राजेंद्र यादव , विराटनगर से कांग्रेस के इंद्राज सिंह गुर्जर , शाहपुरा से निर्दलीय आलोक बेनीवाल, चौमू से बीजेपी के रामलाल शर्मा ने जीत हासिल की थी. इसी प्रकार फुलेरा विधानसभा सीट से बीजेपी के निर्मल कुमावत, दूदू से निर्दलीय बाबूलाल नागर , झोटवाड़ा से कांग्रेस के लालचंद कटारिया, आमेर से बीजेपी के सतीश पूनिया , जमवारामगढ़ से कांग्रेस के गोपाल लाल मीणा ने जीत हासिल की थी. इसी प्रकार हवामहल विधानसभा सीट से कांग्रेस के डॉक्टर महेश जोशी, विद्याधर नगर से बीजेपी के नरपत सिंह राजवी, सिविल लाइंस से कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास , किशनपोल से कांग्रेस के अमीन कागजी, आदर्श नगर से कांग्रेस के रफीक खान, मालवीय नगर से बीजेपी के कालीचरण सर्राफ, सांगानेर से बीजेपी के अशोक लाहोटी , बगरू से कांग्रेस की गंगा देवी, बस्सी से निर्दलीय लक्ष्मण मीणा, चाकसू से कांग्रेस के वेद प्रकाश सोलंकी ने जीत हासिल की थी.
कांग्रेस नेता विक्रम सिंह शेखावत व भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी. पढ़ेंः RAJASTHAN SEAT SCAN: सरदारपुरा में चलती है गहलोत की 'सरदारी', प्रदेश के राजनीतिक समीकरण का नहीं यहां असर
विद्याधर नगर बीजेपी की सुरक्षित सीटः विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र जयपुर शहर की वीआईपी सीटों में से एक है . परिसीमन से पहले यह क्षेत्र बनीपार्क में आता था. हालांकि 2008 में हुए परिसीमन में इसका नाम बदल कर विद्याधर नगर कर दिया गया था . राजपूत बाहुल्य इस सीट पर लगातार तीन बार से बीजेपी के उम्मीदवार और पूर्व उप-राष्ट्रपति और पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी ही चुनाव जीतते आ रहे हैं. साल 2008 में राजवी के पहले चुनाव में भैरोंसिंह शेखावत ने खुद यहां आकर प्रचार भी किया था. विद्याधर नगर बीजेपी और खासतौर पर राजपूत उम्मीदवार के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. एक झोटवाड़ा क्षेत्र है, जो कि झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में नहीं आता है और यह क्षेत्र विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां राजपूत बाहुल्य है .
पिछले 15 साल का चुनाव परिणाम. सीट पर यह हैं जातीय समीकरणः विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र की जनवरी 2023 तक की मतदाता सूची के प्रकाशन के अनुसार यहां कुल 03 लाख 27 हजार 22 मतदाता हैं. इनमें से 1 लाख 70 हजार 858 पुरुष और 1 लाख 56 हजार 164 महिला मतदाता शामिल हैं. इस सीट पर लगभग 75 से 80 हजार राजपूत, 65 से 70 हजार ब्राह्मण, 45 से 50 हजार वैश्य समाज, 25 से 30 हजार एससी - एसटी , 22 से 25 हजार माली समाज , 20 से 22 हजार मुस्लिम समाज के मतदाता हैं. साथ ही 15 से 18 हजार कुमावत समाज , 12 से 15 हजार जाट समाज, 12 से 13 हजार खाती समाज, 7 से 8 हजार यादव समाज जबकि 15 से 18 हजार अन्य समाज के मतदाता है.
विधानसभा क्षेत्र में मतदाता. पढ़ेंः Rajasthan Assembly Election 2023 : जातियों की जाजम पर सियासत की बिसात, अब माली समाज का महासंगम
तीन चुनाव का गणितः परिसीमन के बाद विद्याधर नगर के नाम से बनी इस विधानसभा इस सीट पर वर्ष 2008 से बीजेपी के उम्मीदवार नरपत सिंह राजवी चुनाव जीतते आ रहे हैं. उन्होंने दो बार तो राजपूत समाज के कांग्रेसी उम्मीदवार विक्रम सिंह को और एक बार वैश्य समाज के उम्मीदवार सीताराम अग्रवाल को हराया है. वर्ष 2008 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नरपत सिंह राजवी ने कांग्रेस के विक्रम सिंह शेखावत को 9040 वोटों से हराया था . इस चुनाव में नरपत सिंह राजवी को 64263 , जबकि विक्रम सिंह को 55223 वोट हासिल हुए थे. इस चुनाव में राजवी को 46.05 प्रतिशत तो विक्रम सिंह को 39.96 प्रतिशत वोट मिले. जबकि 2013 में यह अंतराल बढ़ गया था . इस बार भी बीजेपी उम्मीदवार नरपत सिंह राजवी का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार विक्रम सिंह शेखावत से ही था. राजवी को इस बार 107068 वोट यानी 55.36 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिला, जबकि विक्रम सिंह को 60155 वोट यानी 35.76 फीसदी ही वोट मिला. इस बार हार का अंतर 37913 वोट यानी 20.40 प्रतिशत वोटों का अंतर रहा.
विधानसभा क्षेत्र में ये हैं मुद्दे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फिर से नरपत सिंह राजवी को ही उम्मीदवार बनाया, जबकि कांग्रेस ने इस बार वैश्य समाज से आने वाले सीताराम अग्रवाल पर भरोसा जताया. लेकिन कांग्रेस पूर्व के उम्मीदवार विक्रम सिंह शेखावत ने भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया. हालांकि इस बार भी चुनाव परिणाम नरपत सिंह राजवी के ही पक्ष में आए. उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार सीताराम अग्रवाल को 31232 वोटों से हराया. इस बार भी राजवी को 42.33 फीसदी वोटों के साथ 95599 मतदाताओं ने वोट किया, जबकि कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 28.05 फीसदी वोट के साथ 64367 वोट मिले. वहीं कांग्रेस से बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे विक्रम सिंह शेखावत को 22.31 फीसदी वोटों के साथ 50382 वोट मिले.
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2018 का चुनावी परिणामः 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बड़े बहुमत के साथ तो नही , लेकिन दूसरी पार्टी और निर्दलियों के समर्थन से सरकार बनाने में कामयाब रही. इस चुनाव में कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली है, जबकि बीजेपी को 73 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा. इसके अलावा बीएसपी को 6 सीटें मिली थी. बाद में बीएसपी के सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को 2 , भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 , राष्ट्रीय लोक दल को एक , राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को 3 और निर्दलीयों को 13 सीटों पर जीत मिली थी.