सुखजिंदर सिंह रंधावा ने क्या कहा... जयपुर.राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट की ओर से सरकार को अपनी तीन मांगों को लेकर दिए गए अल्टीमेटम के अब केवल 9 दिन बचे हैं. अगर मांगें नहीं मानी गईं तो संभव है कि 9 दिन बाद सचिन पायलट फिर से अपनी ही सरकार के खिलाफ सड़कों पर निकल पड़ें. हालांकि, पायलट के अल्टीमेटम के 8 दिन गुजर जाने के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने अब तक न तो पायलट को बुलाकर समझाइश का प्रयास किया है, न ही सरकार की ओर से उनकी मांगों को लेकर कोई गम्भीरता दिखाई है. कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है, जैसे कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट के आंदोलन, अल्टीमेटम और विरोध को दरकिनार कर दिया है.
रंधावा ने इशारों में पायलट को दी नसीहत : राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने यह दिखाना शुरू कर दिया है कि उन्हें सचिन पायलट के आंदोलन से कोई खास फर्क नहीं पड़ता और न ही पार्टी उनपर कोई कार्रवाई करेगी. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी साफ कर दिया कि कांग्रेस कभी अपने नेताओं को नहीं छोड़ती, नेता जरूर कांग्रेस को छोड़ कर चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस छोड़कर गए हैं, उनके हालात सबके सामने हैं. सीधे तौर पर रंधावा सचिन पायलट को यह सीख भी देते नजर आ रहे हैं कि अगर उन्होंने पार्टी छोड़ी तो उन्हें जितना कुछ कांग्रेस में मिला है, उतना कहीं नहीं मिलेगा.
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संगठन में नियुक्तियों पर नहीं है जवाब : इन सबके बीच कांग्रेस पार्टी को भी राजस्थान में नुकसान उठाना पड़ रहा है. चुनाव में केवल 6 महीने बाकी हैं. सचिन पायलट पर निर्णय नहीं लेने के चलते राजस्थान में अब तक जिला अध्यक्ष नहीं बनाए जा सके हैं. हालात यह हैं कि अब कांग्रेस प्रभारी भी जिला अध्यक्ष और संगठन में नियुक्तियों को लेकर जवाब नहीं दे पा रहे. साथ ही उनसे सवाल करने पर जवाब मिलता है कि पहले सचिन पायलट के मुद्दे पर निर्णय लें या संगठन पर? इससे साफ है कि संगठन में नियुक्तियां नहीं हुई हैं. यह नियुक्तियां तब तक नहीं हो सकती जब तक सचिन पायलट को लेकर कांग्रेस पार्टी अंतिम निर्णय नहीं ले लेती.
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जिला अध्यक्ष बनाना गले की फांस न बन जाए :इन सबके बीच ये भी कांग्रेस के लिए ये भी मुद्दा है कि पायलट और पार्टी के बीच विवाद बढ़ा तो जो जिला अध्यक्ष सचिन पायलट के कोटे से बनकर आएंगे वह पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल बन सकते हैं. ऐसे में पार्टी जब तक पायलट पर निर्णय नहीं ले लेती, तब तक संभव है कि संगठन में नियुक्तियों को टाला जाए. हाल ही में यूथ कांग्रेस में अध्यक्ष पद पर सचिन पायलट कैंप के नेता अभिमन्यु पूनिया को सर्वाधिक मत मिले थे. इसके बावजूद अब तक इंटरव्यू के नाम पर युवक कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा नहीं की जा रही है. इससे भी साफ है कि पायलट और कांग्रेस के बीच चल रही राजनीतिक रस्साकशी ने ही संगठन में नियुक्तियों पर रोक लगा रखी है.
खड़गे, गहलोत और डोटासरा होंगे बैठक में शामिल :इधर राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर असमंजस की स्थिति चल रही है तो वहीं दिल्ली में इसी सप्ताह 24, 25 या 26 मई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी राज्यों के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान भी शामिल होगा. हालांकि अभी तारीख तय नहीं हुई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और सह प्रभारी शामिल होंगे. इस बैठक में चुनाव को देखते हुए संगठन कैसे मजबूत किया जाए और चुनावी रणनीति क्या हो, इसे लेकर चर्चा होगी. जब कांग्रेस आलाकमान और राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेता साथ बैठेंगे तो साफ है कि सचिन पायलट के मुद्दे पर भी चर्चा होगी.