जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को सचिन पायलट को निशाने पर लेते हुए पार्टी के भीतर एक बार फिर सियासी हलचल पैदा कर दी है. इस बार गहलोत ने दबी जुबान में नहीं बल्कि खुले तौर पर पायलट को गद्दार कहा. इतना ही नहीं गहलोत ने बीजेपी और बीजेपी के केंद्रीय नेताओं पर भी 10-10 करोड़ रुपये में विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया. सीएम गहलोत के इन आरोपों पर ईटीवी भारत ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से खास बातचीत की. राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत को जब भी लगता है कि उनकी कुर्सी उनके हाथ से खिसक रही है, तब वो इस तरह के बयान दे कर अपने आलाकमान को ललकारते हैं.
उन्होंने कहा कि बीजेपी पर आरोप लगाने से पहले (Gehlot Alleged BJP for Horse Trading) सबूत जनता के सामने लाएं. राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत को जिसके हस्ताक्षर से सरदारपुरा से टिकट मिला आज वो गद्दार है. उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि सीएम अशोक गहलोत ने इस तरह के बयान दिया हो. जब भी उनकी कुर्सी खिसकती नजर आती है, वो इस तरह का बयान देते हैं. कुर्सी की असुरक्षा में एक के बाद एक बयान देकर आलाकमान को ललकारने का काम अशोक गहलोत कर रहे हैं.
राठौड़ ने कहा कि जिस दिन सरकार पैदा हुई थी, तभी से अंतर्द्वंद प्रारंभ हो गया था. राजस्थान का दुर्भाग्य है कि किस सरकार को उन्होंने ये सोच कर सत्ता सौंपी थी कि वो उनका विकास करेगी. उनके जनहित के काम होंगे, समस्याओं के समाधान होंगे. लेकिन सरकार के मुखिया का एक ही काम रहा कि सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी बचाए रखें. राठौड़ ने कहा कि अपने साथी जिनके हाथ के हस्ताक्षर से खुद को टिकट मिली थी, आज वो ही गद्दार हो गया. सरदारपुरा से उनकी टिकट पर हस्ताक्षर सचिन पायलट के थे, क्योंकि वह उस समय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे. आज वही नेता उनकी नजरों में नाकारा, निकम्मा साबित हो गए. उन्होंने जिस तरह से राजस्थान की राजनीति में हल्के शब्द अपने साथी के लिए प्रयोग किए, शायद प्रदेश की राजनीति के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ.
गद्दार के चार साथियों को मंत्रिमंडल में जगह क्यों ?: सचिन पायलट को गद्दार बताने पर राठौड़ ने कहा कि गहलोत ने पायलट को कहा कि गद्दारी की है. अब ये बताएं कि जिसने गद्दारी की, उस गद्दार का साथ देने वाले 4 से ज्यादा लोग उनके मंत्रिमंडल में सहयोगी क्यों बनाया है. भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाने से पहले सवाल ये उठता है कि उनकी सबसे वरिष्ठ सहयोगी महेश जोशी ने एक एसीबी और तीन एसओजी में FIR दर्ज कराई थी. जिसमें उन सब के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया था. क्या हुआ उस FIR का जांच क्यों नहीं हुई?. राठौड़ ने कहा कि जिनके खिलाफ FIR दर्ज हुई आज उनमे से गहलोत सरकार में ग्रामीण पंचायत राज मंत्री, पर्यटन मंत्री बने हुए हैं. इसलिए अशोक गहलोत दोहरे चरित्र की बात नहीं करें.