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राजस्थान का सियासी रण: कांग्रेस के अंदर 18 महीने का असंतोष था जो बम बन कर फूटा है: गुलाबचंद कटारिया - विधायकों खरीद-फरोख्त मामला

राजस्थान में चल रही सियासत पर कांग्रेस द्वारा बीजेपी पर दोषारोपण करने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार किया है. कटारिया ने कहा है कि कांग्रेस के अंदर 18 महीने का असंतोष था जो अब बम बनकर फूटा है लेकिन इसका दोषारोपण बीजेपी पर किया जा रहा है.

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गुलाबचंद कटारिया ने कहा, कांग्रेस के अंदर 18 महीने का असंतोष था जो बम बन कर फूटा है

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Published : Jul 19, 2020, 1:35 AM IST

जयपुर.राजस्थान में पिछले 8 दिन से चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस लगातार कांग्रेस के विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है. प्रदेश में चल रही सियासी घटनाक्रम के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है कांग्रेस. कांग्रेस की तरफ से लगाए जा रहे हैं इन आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पलटवार किया है. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान का हर एक व्यक्ति जानता है कि जो मौजूदा वक्त में सियासी घटनाक्रम हो रहा है उसकी मूल जड़ क्या है.

गुलाबचंद कटारिया ने कहा, कांग्रेस के अंदर 18 महीने का असंतोष था जो बम बन कर फूटा है

कटारिया ने कहा कि 18 महीने पहले जब विधानसभा के चुनाव हुए थे और उसमें जिस तरीके से मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली तक दौड़ हुई थी उसका यह असंतोष है जो लगातार एकत्रित होता चला गया और 18 महीने बाद बम के रूप में फूट कर सामने आए हैं. कटारिया ने कहा कि जिस तरीके की भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर रहे हैं यह उनकी राजनीतिक कैरियर की सबसे ओछी भाषा है उन्होंने कभी भी इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें नहीं देखा.

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जिस तरीके से उप मुख्यमंत्री को लेकर जो भाषा बोल रहे हैं उसने राजस्थान की राजनीति को शर्मिंदा किया है. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री आपका, उप-मुख्यमंत्री आपका, पार्टी आपकी, विधानसभा पर फ्लोर बहुमत आपका फिर बीजेपी कहां से आ गई बार-बार बीच में बीजेपी को क्यों लाया जा रहा है. बीजेपी के ऊपर दोषारोपण क्यों किया जा रहा है? गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सब जानते हैं कि चाहें विधानसभा का फ्लोर हो या फिर अन्य जगह कभी भी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री एक साथ नही रहे.

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उन्होंने कि विधानसभा में जब मुख्यमंत्री मौजूद होते हैं तो उप मुख्यमंत्री मौजूद नहीं होते थे और जब पंचायत राज्य का कोई रिप्लाई देने के लिए उपमुख्यमंत्री जब विधानसभा में मौजूद होते थे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वहां पर नहीं होते थे. जबकि होना ही चाहिए कि अपने एक साथी का हौसला बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को विधानसभा सदन के अंदर मौजूद रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चयन हुआ है तब से ही इनमें मतभेद में देखने को मिले हैं और अभी मतभेद खुलकर सबके सामने आ गए.

हम तो विपक्ष के नाते बैठकर तमाशा देख रहे-

कटारिया ने आगे कहा कि पहले ये यह सब कुछ कांग्रेस पार्टी के अंदर था लेकिन अब खुलकर सड़क पर आ गए इसके बाद विरोध होटल तक पहुंचा और अब वह विरोध कोर्ट तक पहुंच गया है. यानी कि कांग्रेस अब पूरी तरीके से एक्सपोज हो चुकी है. वह लगातार बीजेपी पर हमला करती है कि बीजेपी इस षड्यंत्र में शामिल है. कौन सा षड्यंत्र, झगड़ा आपके घर का है उसमें हमारी बीजेपी का क्या मतलब हम तो विपक्ष के नाते बैठकर तमाशा देख रहे हैं.

आखिरी निर्णय की स्थिति पर पहुंच जाऐंगे-

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, सियासी घटनाक्रम जो प्रदेश में घट रहा है हम तो उसे मैच की तरह दर्शक के रूप में देख रहे हैं जब जरूरत होगी, या आखिरी निर्णय की स्थिति पर पहुंच जाऐंगे. उन्होंने कहा कि हमारे उपर दोषारोपण करने से अच्छा था कि कांग्रेस अपने इस विवाद को सुलझा लेती तो आज यह हालात नहीं होती. उन्होंने कहा कि हमारी पूर्व मुख्यमंत्री को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. वसुंधरा जी से रोज बात होती है कि जब भी उन्हें पार्टी की तरफ से निर्देश दिया जाएगा वह 3 घंटे में पहुंच जाएंगी. फ्लोर टेस्ट को लेकर लगातार हमसे पूछा जा रहा है कि हम कोई फ्लोर टेस्टिंग नहीं कर रहे हैं.

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