जयपुर. राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा का (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) मंगलवार को अंतिम दिन है और 21 दिसंबर को यात्रा हरियाणा में प्रवेश कर जाएगी. हालांकि, यात्रा से पहले जिस तरह से यह अनुमान लगाए जा रहे थे कि गहलोत-पायलट के बीच चल रही कुर्सी की जंग के चलते इस यात्रा में विघ्न पड़ सकता है, लेकिन यात्रा के प्रवेश से पहले जिस तरह कांग्रेस आलाकमान एक्शन में आया और खुद केसी वेणुगोपाल राजस्थान आकर दोनों नेताओं के बीच समझौता करवाते दिखाई दिए. इससे साफ है कि अभी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद के बदलाव जैसी कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है.
चर्चा ये भी है कि भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से निकल जाने के बाद कुर्सी की जंग पहले की तरह जारी रहेगी. इसी बीच राहुल गांधी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न केवल अगले बजट को पेश करने की घोषणा कर चुके हैं, बल्कि उज्जवला योजना से लाभान्वित परिवारों को अप्रैल से 500 रुपये में घरेलू गैस का सिलेंडर देने और अपना अगला बजट युवाओं को समर्पित करने की घोषणा से राहुल गांधी का दिल भी जीत चुके हैं. राहुल गांधी ने खुद ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 500 रुपये में सिलेंडर देने वाली घोषणा की तारीफ की है, जो यह बताता है कि राहुल गांधी गहलोत की राजस्थान में लागू की गई पॉलिसियों से भी खुश हैं और उन्हें इस बात से भी आपत्ति नहीं है कि गहलोत अगला बजट पेश करने की घोषणा कर रहे हैं.
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यहां तक कि कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी कम्युनिकेशन ने दो राजस्थान की चिरंजीवी योजना, शहरी रोजगार गारंटी योजना के साथ ही राइट टू हेल्थ जो राजस्थान लागू करने जा रहा है, उसे पूरे देश में लागू किया जाए. बात साफ है कि बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही पेश करेंगे और अब पायलट कैंप का पूरा ध्यान (Rajasthan Mission 2023) उन तीनों नेताओं पर कार्रवाई पर शिफ्ट होगा, जो 25 सितंबर को राजस्थान में हुई विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक करवाने और उसी दिन हुए विधायकों के इस्तीफों के लिए जिम्मेदार माने गए थे.
ऐसे में 23 दिसंबर को दिल्ली में मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की बैठक (Gehlot Pilot Controversy) खासी महत्वपूर्ण होने जा रही है. 23 दिसंबर को होने वाली बैठक में अब राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर नहीं, बल्कि मंत्री महेश जोशी, मंत्री शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को 25 सितंबर की घटना के लिए माफी दी जाए या फिर उन्हें एक चेतावनी देकर अभय दान दिया जाए, इस पर केंद्रित हो गई है. 23 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद रह सकते हैं.