जयपुर. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर (Rahul Gandhi Bharat jodo yatra) तैयारियां तेज हो गई हैं. जाहिर है भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान राहुल गांधी के लिए अहम पड़ाव वाला राज्य होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कन्याकुमारी से कश्मीर तक के सफर में सिर्फ राजस्थान में ही फिलहाल कांग्रेस का राज है. लिहाजा राहुल यहां से पूरे देश में अलग अंदाज में पैगाम पहुंचाना चाहेंगे. यही वजह है कि यात्रा की तैयारियों से पहले राजस्थान आए यात्रा प्रभारी विभाकर शास्त्री ने इशारे-इशारे में अनुशासनहीनता करने वालों पर नजर रखे जाने की बात भी कह दी.
राहुल गांधी अपने सफ़र में 2 हफ्ते से भी ज्यादा का वक्त राजस्थान में (preparation of Bharat jodo yatra) गुजारने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस के सामने नेताओं के बीच हो रही बयानबाजी भी एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर यात्रा के लिये राजस्थान के प्रभारी विभाकर शास्त्री ने इस सिलसिले में प्रस्तावित कार्यक्रम भी साझा किया था जिसके मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करेगी. यह यात्रा रात 9 बजे झालावाड़ पहुंचेगी.
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कांग्रेस पार्टी ने जो कार्यक्रम जारी किया है उसके मुताबिक राहुल गांधी की यात्रा झालावाड़ से कोटा, बारां, सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर जिले से होते हुए दिल्ली की ओर जाएगी. संभावना यह भी है कि गुर्जर समाज में सचिन पायलट प्रकरण को लेकर दिख रही नाराजगी के तहत आखिरी मौके पर रूट में बदलाव कर पूर्वी राजस्थान से अलग रूट से यात्रा का कारवां दिल्ली की तरफ रुख कर सकता है.
15 दिन राजस्थान में रहेगी यात्रा
राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में आगे कश्मीर तक जाना है. राजस्थान में राहुल की यात्रा 18 दिसंबर तक यानी पूरे 15 दिन रहेगी. ऐसे में यात्रा का रूट और वक्त दोनों ही काफी अहम होंगे. जिस तरह प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष की तकरार दिख रही है. उसी तरह सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में सरदारशहर का उपचुनाव भी सभी के सामने होगा. इस बीच रूट में बदलाव की बातें भी हो रही है जिसके पीछे माना जा रहा है कि अजमेर में कर्नल बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के दौरान गुर्जर समाज की तरफ से पायलट प्रकरण को लेकर जिस तरह से असंतोष जाहिर किया गया था समाज में उसका असर गहरा देखने को मिला है.