जयपुर. राजस्थान की विरासत महल, किले और कला को सहेजते हुए इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को तैयार किया गया, जहां अंतरराष्ट्रीय और बड़े स्तर के सम्मेलन एक ही छत के नीचे हो सकेंगे. दिल्ली में बने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और इंडिया हैबिटेट सेन्टर की तर्ज पर राजस्थान इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को मूर्त रूप दिया गया. 148 करोड़ रुपये की लागत से बने इस सेंटर का सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोकार्पण करेंगे. इस दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल भी मौजूद रहेंगे. खास बात ये है कि 10 साल पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही इस सेंटर का शिलान्यास किया था और आज इसका उद्घाटन भी करेंगे.
कन्वेंशन हॉल, सेंट्रल लॉबी, मिनी ऑडिटोरियम, मल्टीपरपज हॉल, लाइब्रेरी, मेंबर्स लाउंज, रेस्टोरेंट, एग्जीबिशन हॉल और पार्किंग जैसी सुविधाओं के साथ झालाना रोड पर 7.44 हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया गया. राजस्थान इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनकर तैयार हो गया है. शहर के लिए ये एक नया डेस्टिनेशन होगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों के लिए महत्वपूर्ण विकल्प साबित होगा. सेंटर का निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा हुआ. पहले चरण में राजस्थान इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के मुख्य भवन के स्ट्रक्चर निर्माण और बाहरी फिनिशिंग का काम पूरा किया गया था. जबकि दूसरे चरण मे अंदर की साज-सज्जा, विद्युत, बाहरी विकास और लैण्डस्केपिंग संबंधित काम करवाए गए.
ग्राउंड फ्लोर पर ये सुविधाएं :
कन्वेन्शन हॉल : ब्लॉक-ए में 500 लोगों की क्षमता का कन्वेन्शन हॉल विकसित किया गया है. इस हॉल का इन्टिरियर जयपुर के सिटी पैलेस के पैटर्न पर किया गया है. कार्पेट और फर्नीचर से सजा हुआ यह हॉल ब्लॉक-ए के सुन्दर कन्वेन्शन गार्डन से भी जुड़ा हुआ है. ब्लॉक-ए के प्री-फंक्शन हॉल में हवामहल म्युरल और बाकी दीवारों पर जयपुर किले के पैटर्न को इन्टिरियर में शामिल किया गया है. कन्वेशन हॉल आने वाले मेहमानों के लिए ब्लॉक-ए के पोर्च से सीधे प्रवेश की व्यवस्था है. ए-ब्लॉक के पोर्च के लेफ्ट साइड रिद्धि-सिद्धि के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है, जबकि राइट साइड में सुन्दर चित्रकारी की गई है, जिसमें नाथद्वारा की टेराकोटा टाईल्स राजस्थान की आदिवासी संस्कृति को प्रस्तुत करती है.
सेन्ट्रल लॉबी : ब्लॉक-बी में पोर्च से प्रवेश के साथ भव्य सेन्ट्रल लॉबी है, जहां से सभी तलों के कॉरिडोर को देखा जा सकता है. सेन्ट्रल लॉबी में सामने रिसेप्शन काउन्टर है. इसके दोनों तरफ दीवारों पर ग्लास-ठिकरी आर्ट वर्क और गोल्ड लिफिंग वर्क की कारीगरी को उकेरा गया है. सेन्ट्रल लॉबी की तरफ झांकती 4 केप्सूल लिफ्ट्स हैं, जबकि दोनों तरफ की सीढ़ियों की दीवारें टाईल क्लेडिंग और चित्रकारी से सजी है. ब्लॉक-बी के मुख्य पोर्च के दोनों तरफ भव्य गोल्डन चित्रकारी की गई है.
मुख्य सभागार : ब्लॉक-सी में 650 लोगों की क्षमता का आधुनिक तकनीक से बना मुख्य सभागार है, जिसकी सभी दीवारों को एकोस्टिक पैनल के साथ साथ झरोखों और मेहराबों के पैटर्न के इंटिरियर में तैयार किया गया है. सभागार को पेन्ट्री और अन्य सुविधा के साथ तैयार किया गया है. मुख्य सभागार के दोनों ओर ग्रीन रूम, सुविधाओं और बैक स्टेज एरिया विकसित किया गया है.
सभागार की विशेष पंचकोणीय वास्तु के साथ दोनों तरफ के कॉरिडोर को महराबों और जालीदार झरोखों के इंटिरियर के साथ आर्ट गैलरी के लिए विकसित किया गया है. मुख्य सभागार से जुड़ा प्री-फंक्शन हॉल तीनों तरफ जैसलमेर किले के महलों, मेहराबों की दीवारों वाले पैटर्न और एक तरफ जैसलमेर पत्थर की हवेलियों की सुन्दर झलक प्रस्तुत करता है. सी-ब्लॉक के पोर्च के राइट साइड नटराज और लेफ्ट साइड सुन्दर चित्रकारी की गई है.
फर्स्ट फ्लोर पर ये सुविधा :
मिनी ऑडिटोरियम : ब्लॉक-ए में दो आधुनिक सुविधाओं से युक्त मिनी ऑडिटोरियम विकसित किए गए है, जिसकी क्षमता 172 लोग प्रति ऑडिटोरियम है. ऑडिटोरियम में पीछे स्थित कॉरिडोर दोनों ऑडिटोरियम और ग्रीन रूम्स को आपस में जोड़ता है.
मल्टीपर्पज हॉल : ब्लॉक-ए में लगभग 200 लोगों की क्षमता का हॉल तैयार किया गया है, जो मेहराबों और बड़ी-बड़ी खिडकियों से आती प्राकृतिक रोशनी से भरा है. इसके पास ही प्री-फंक्शन हॉल है, जिसकी दीवारों पर किले की प्राचीर के अन्दर हो रहे राजस्थानी विवाह की खूबसूरत झांकी को मारवाड़ी चित्रशैली में चित्रित कर निखारा गया है. जबकि एक दीवार पर सुन्दर मेहराबों के बीच उदयपुर की झीलों और महलों की झाकियों को उकेरा गया है.
प्रशासनिक ब्लॉक : ब्लॉक-बी में स्थित इस क्षेत्र में भवन के डायरेक्टर और सेक्रेटरी के कक्ष बनाए गए हैं. यहां लगभग 50 लोगों की क्षमता का बोर्ड रूम है. स्टाफ के बैठने के लिए कैबिन बनाए गए हैं. इस क्षेत्र में कंट्रोल रूम की व्यवस्था भी की गई है. इस ब्लॉक का सम्पूर्ण इंटिरियर आधुनिक इंटिरियर के रूप में किया गया है.