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Rajasthan Highcourt : क्या पुलिस राजनीतिक पार्टियों के दबाव में काम कर रही है? शहर के बीच रैली की अनुमति क्यों दी?

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Published : Aug 2, 2023, 6:34 PM IST

भाजपा की ओर से मंगलवार को किए गए सचिवालय घेराव को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है. साथ ही मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस अधिकारियों को तलब किया है. गुरुवार को मामले की सुनवाई होगी.

Rajasthan Highcourt
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने भाजपा के सचिवालय घेरावके दौरान शहर में कई घंटों तक जाम लगने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए तत्काल पुलिस के आलाधिकारियों को तलब किया. जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश बुधवार को दिए. अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार को तय की है.

रैली निकालने की अनुमति कैसे दी?: सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राहुल प्रकाश, डीसीपी यातायात प्रहलाद कृष्णिया, डीसीपी दक्षिण योगेश गोयल और आईपीएस कुंवर राष्ट्रदीप अदालत में हाजिर हुए. अदालत ने अधिकारियों को कहा कि क्या पुलिस अधिकारी राजनीतिक पार्टियों के दबाव में काम कर रहे हैं. यदि ऐसा नहीं है तो बीच शहर रैली निकालने की अनुमति क्यों दी गई? अदालत ने कहा कि जब शहर में धरना-प्रदर्शन और रैली के लिए स्थान चिन्हित हैं तो यहां रैली की अनुमति कैसे दी गई? डीसीपी दक्षिण योगेश गोयल से सवाल किया कि क्या सरदार पटेल मार्ग पर रैली निकालने की अनुमति है?

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सस्पेंड करने में कोई संकोच नहीं : गोयल के इनकार करने पर अदालत ने कहा कि फिर यहां के लिए अनुमति कैसे दी गई? आपके अनुमति पत्र की शर्त में लिखा है कि रैली के दौरान आम रास्ता जाम नहीं होना चाहिए, क्या आपको पता नहीं था कि इस तरह की रैलियों के लिए यह असंभव बात है? इस तरह के आचरण को देखते हुए हमें अधिकारियों को सस्पेंड करने में कोई संकोच नहीं होगा. क्यों न संबंधित अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश देते हुए स्वप्रेरणा से अवमानना का प्रसंज्ञान लिया जाए?

जनता के सेवक हैं या राजनीतिक पार्टियों के? : अदालत ने कहा कि रैली निकालने का अधिकार है, लेकिन यह शहर के बीच नहीं निकाली जा सकती. सबसे पहले आम जनता का हित है, लेकिन जाम ने कई घंटों तक लोगों को सड़कों पर फंसे रहने को मजबूर कर दिया. आम रास्ते का उपयोग रैली के लिए नहीं किया जा सकता. अदालत ने पुलिस अधिकारियों को कहा कि वे अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं. बच्चों को स्कूल से घर पहुंचने के लिए दो घंटे का इंतजार करना पड़ा, आप जनता के सेवक हैं या राजनीतिक पार्टियों के?

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मामले की सुनवाई गुरुवार को : अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के साथ ही सुप्रीम कोर्ट पूर्व में तय कर चुका है कि आम रास्ते पर जाम नहीं लगाया जा सकता. इसके अलावा इंडियन रोड कांग्रेस में भी इसे लेकर पाबंदी है. इसके बावजूद भी रैली के लिए अनुमति दी गई. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट ने जनपथ पर रैली के लिए रोक लगा रखी है. इस पर अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आम रास्ते पर जाम नहीं लगाने को कह रखा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई गुरुवार को रखी है.

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