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Rajasthan Highcourt : तबादले के पांच माह बाद कार्यमुक्ति आदेश, हाईकोर्ट ने लगाई रोक - Rajasthan Hindi news

राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर्स को वर्तमान पद पर ही कार्य करते रहने के आदेश (Case of Transfer of nursing officers in Rajasthan) जारी कर तबादले के पांच माह बाद जारी कार्यमुक्ति आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. अदालत ने इसे नियमों के विरुद्ध बताया है.

Rajasthan Highcourt Hearing
राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई

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Published : Jan 28, 2023, 3:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर्स के तबादले के पांच माह बाद जारी कार्यमुक्ति आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने नर्सिंग ऑफिसर्स को वर्तमान पद पर ही कार्य करते रहने को कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मुकेश कुमारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को तबादला आदेश जारी करने के बाद पांच माह तक कार्यमुक्त नहीं करना नियमों के खिलाफ है. ऐसे में कार्यमुक्ति आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाना उचित रहेगा.

याचिका में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता झुंझुनू के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने गत 3 सितंबर को आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को सरप्लस घोषित कर दिया और उनका तबादला जोधपुर कर दिया. हालांकि विभाग ने करीब पांच माह बीतने के बाद भी उन्हें वर्तमान पद से कार्यमुक्त नहीं किया. वहीं 19 जनवरी को विभाग ने अचानक आदेश जारी कर उन्हें स्थानांतरित स्थान के लिए कार्यमुक्त कर दिया.

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याचिका में कहा गया कि विभाग ने 3 सितंबर को सरप्लस घोषित किया था. इस दौरान याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया. जबकि नियमानुसार जिले में सरप्लस कर्मचारियों की सूची बनाकर संबंधित कर्मचारी को सुनवाई का मौका देने के बाद ही उसे सरप्लस घोषित किया जा सकता है. ऐसे में ये नियम के विरुद्ध है. तबादला आदेश जारी होने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को आवश्यकता के कारण वर्तमान पर पदस्थापित रखा गया और नियमों के खिलाफ जाकर उन्हें पांच माह बाद कार्यमुक्त किया गया. ऐसे में विभाग की ओर से जारी कार्यमुक्ति आदेशों को रद्द किया जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कार्यमुक्ति आदेशों की क्रियान्विति पर रोक लगाते हुए उन्हें वर्तमान पदों पर ही काम करते रहने को कहा है.

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