जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं, कि वह तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2013 में शारीरिक रूप से दिव्यांग अभ्यर्थी को लो विजन कैटेगरी में नियुक्त करने पर विचार करे. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और धौलपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश मनोज कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
HC ने कहा, 'दिव्यांग की कैटेगरी बदल कर अध्यापक पद पर नियुक्ति देने पर करें विचार' - राजस्थान हाईकोर्ट का सरकार को आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं, कि वह तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती 2013 में शारीरिक रूप से दिव्यांग अभ्यर्थी को लो विजन कैटेगरी में नियुक्त करने पर विचार करे. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख पंचायती राज सचिव और धौलपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.
याचिका में अधिवक्ता रमाकांत गौतम ने अदालत को बताया, कि याचिकाकर्ता ने भर्ती में आवेदन किया था, लेकिन उसने गलती से दिव्यांग कोटे के कॉलम को खाली छोड़ दिया था. इसके चलते जिला परिषद ने उसको दिव्यांग कोटे में नहीं मानते हुए परिणाम जारी कर दिया. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर विभाग की ओर से कहा गया, कि भर्ती में शारीरिक दिव्यांग का कोई पद रिक्त नहीं है और केवल लो विजन केटेगरी का एक पद खाली है. इस पद को शारीरिक दिव्यांग को नहीं दिया जा सकता.
इस पर याचिकाकर्ता की ओर से पुनः याचिका दायर कर कहा गया, कि दिव्यांग श्रेणी के व्यक्तियों के लिए पद आरक्षित करने का उद्देश्य दिव्यांगों का कल्याण करना है. ऐसे में उनको दिव्यांगों की विभिन्न श्रेणियों में विभाजित कर कानूनी पेचीदगियों में नहीं उलझाया जा सकता है. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर कहा, कि याचिकाकर्ता को लो विजन केटेगरी में नियुक्ति देने पर विचार करें.