जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एससी, एसटी एक्ट के तहत पीड़ितों को तत्काल राहत और पुनर्वास के लिए आकस्मिक योजना के नियम वर्ष 2017 में ड्राफ्ट होने के बाद भी अब तक उन्हें अंतिम रूप नहीं देने को गंभीर माना है. इसके साथ ही अदालत ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव को 10 जनवरी को हाजिर होकर यह बताने को कहा है कि योजना के नियम कब नोटिफाइड होंगे और इन्हें अंतिम रूप से कब तक लागू किया जाएगा. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश दलित मानवाधिकार केन्द्र समिति की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार ने बताया कि एससी,एसटी एक्ट के नियम 15 के अनुसार आकस्मिक योजना पीडित और उनके आश्रितों को तत्काल वित्तीय सहायता सहित अन्य राहत व पुनर्वास के लिए बनी थी. योजना के नियम वर्ष 2017 में बने थे, लेकिन छह साल बाद भी इनका गजट में प्रकाशन होकर ये नोटिफाइड नहीं हुए हैं. इससे योजना पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है और इसका लाभ भी पीड़ित को नहीं मिल पा रहा है.