जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख गृह सचिव और डीजी होमगार्ड को नोटिस जारी कर पूछा है कि प्रदेश में होमगार्ड्स को नियमित नियुक्ति की बजाय रोटेशन के आधार पर सेवा में क्यों नियोजित रखा जा रहा है. अदालत ने इन अधिकारियों से यह भी पूछा है कि क्यों न होमगार्ड्स को नियमित नियुक्त करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए जाए. जस्टिस समीर जैन ने एकलपीठ ने यह आदेश विष्णु कुमार चौधरी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने अदालत को बताया कि प्रदेश में होमगार्ड्स के तीस हजार से अधिक पद स्वीकृत हैं. इसमें से पचास फीसदी से भी कम होमगार्ड सेवा में हैं. राज्य सरकार इनकी नियुक्ति भी मासिक रोटेशन के आधार पर ही करती है. ऐसे में संबंधित विभाग में होमगार्ड नियोजित होने के बाद जब तक काम सीखता है, तब तक उसे हटाकर दूसरे होमगार्ड को लगा दिया जाता है. इसके बावजूद भी राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर होमगार्ड की नई भर्ती निकाल कर नए लोगों को इसमें शामिल कर लिया जाता है, लेकिन उन्हें नियमित रोजगार नहीं दिया जाता.