जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने जेडीए को आदेश दिए हैं कि वह वर्ष 1968 में याचिकाकर्ता की ओर से खरीदे प्लॉट का दो माह में पट्टा जारी करे. अदालत ने चेतावनी दी है कि तय समय में पट्टा जारी नहीं होने पर जेडीए को 1 लाख रुपए का हर्जाना देना होगा. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश शांता व उसकी बेटी मधु मोगरा की याचिका पर दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अदालत की ओर से राकेश शर्मा के मामले में दिए निर्देश इस प्रकरण में लागू नहीं होते हैं. उस मामले में अदालत ने भूमाफियाओं व अतिक्रमियों के लिए सुविधा क्षेत्र में बदलाव नहीं करने को कहा था. जबकि याचिकाकर्ता ने वर्ष 1968 में वैध तरीके से इस जमीन को खरीदा है.
याचिका में अधिवक्ता प्रतीक माथुर ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने मई 1968 में सेल डीड के जरिए जमीन खरीदी थी. वहीं वर्ष 2002 में याचिकाकर्ता ने पट्टा लेने के लिए जेडीए में आवेदन किया, लेकिन जेडीए ने जमीन को सुविधा क्षेत्र में बताकर पट्टा नहीं दिया. वहीं जेडीए कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए जेडीए के आदेश को निरस्त कर याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने को कहा, लेकिन जेडीए ने याचिकाकर्ता का पक्ष नहीं सुना. इस बीच राज्य सरकार ने 12 अक्टूबर, 2009 को इस जमीन को सुविधा क्षेत्र से बाहर कर जेडीए को इसकी जानकारी भेज दी.