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Rajasthan High Court: विभागीय जांच में दोषमुक्त होने के बाद भी पेंशन रोकी, अब देना होगा ब्याज भी

राजस्थान हाईकोर्ट ने रिटायर कर्मचारी को विभागीय जांच में दोषमुक्त होने के बाद भी पेंशन और परिलाभ नहीं देने को गलत माना. साथ ही पेंशन परिलाभ 9 फीसदी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court orders
राजस्थान हाईकोर्ट .

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 11, 2023, 7:09 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने कृषि विभाग से रिटायर कर्मचारी को विभागीय जांच में दोषमुक्त होने के बाद भी उसकी पेंशन और परिलाभ जारी नहीं करने को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को विभागीय जांच पूरी होने की तिथि से पेंशन परिलाभ नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश ओमप्रकाश की याचिका का निस्तारण करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता कृषि पर्यवेक्षक के तौर पर करौली में कार्यरत था. वर्ष 2014 को वह रिटायर हो गया, लेकिन विभागीय जांच लंबित होने के चलते उसे पेंशन सहित अन्य परिलाभ अदा नहीं किए गए. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से विभागीय अधिकारियों को प्रार्थना पत्र पेश कर जांच जल्दी पूरी करने की गुहार की गई. आखिरकार पांच साल के बाद वर्ष 2019 में जांच पूरी कर याचिकाकर्ता को दोषमुक्त कर दिया गया, लेकिन इसके बाद भी उसे पेंशन व परिलाभ नहीं दिए गए.

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जब याचिकाकर्ता ने कृषि विभाग में प्रार्थना पत्र दिया तो उसका सर्विस रिकॉर्ड पेंशन विभाग भेजने की जानकारी दी गई. वहीं पेंशन विभाग ने पूर्व में ही रिकॉर्ड वापस विभाग को भेजने की बात कही. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पेंशन परिलाभ दिलाने की गुहार की. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कृषि निदेशक और पेंशन निदेशक सहित अन्य संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया. इस पर विभाग ने फरवरी 2020 में याचिकाकर्ता को पेंशन परिलाभ जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि विभाग ने पहले जानबूझकर जांच पूरी करने में लंबा समय लगा दिया और फिर जांच पूरी होने के बाद भी पेंशन परिलाभ नहीं दिए. ऐसे में उसे बकाया राशि पर ब्याज दिलाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने जांच पूरी होने की तिथि से पेंशन परिलाभ की राशि पर नौ फीसदी ब्याज देने के आदेश दिए हैं.

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