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Rajasthan High Court: प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन कराने के आदेश - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन के (High Court orders to conduct elections) चुनाव एक ही दिन कराने के आदेश दिए हैं. यह आदेश सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने दिया है.

Rajasthan High Court orders,  High Court orders to conduct elections
बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन कराने के आदेश.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 24, 2023, 6:38 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने वकीलों के अलग-अलग बार एसोसिएशन में मतदान करने के विवाद का निपटारा कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन में अब एक ही दिन चुनाव कराए जाएं. अदालत ने इसके लिए दिसंबर माह के द्वितीय शुक्रवार का दिन तय किया है. सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश नरेन्द्र सिंह व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.

अब जिस बार एसोसिएशन का कार्यकाल दिसंबर से पहले खत्म हो रहा है, उनका कार्यकाल दिसंबर के दूसरे शुक्रवार तक बढ़ जाएगा. इसी तरह जिस बार एसोसिएशन का समय अगले साल पूरा हो रहा है, उसका कार्यकाल तय अवधि से पहले पूरा माना जाएगा. सुनवाई के दौरान बार कौंसिल ऑफ राजस्थान की ओर से अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि बार कौंसिल चाहती है कि सभी बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन हो जाएं.

पढ़ेंः वन बार वन वोट: बीसीआर व चुनाव समिति से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

कौंसिल ने वर्ष 2013 में ही इस संबंध में नियम बना दिए थे, लेकिन उन नियमों को चुनौती दी गई और अदालत ने उन्हें रद्द कर दिया. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की ओर से वन बार-वन वोट के संबंध में दिए आदेश की क्रियान्विति भी तभी हो सकती है, जब सभी एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन कराए जाएं. ऐसे में अदालत ही इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करे. यदि ऐसा होता है तो कौंसिल अपने रिकॉर्ड से मिलान कर मतदाताओं का सत्यापन कर देगी. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सभी बार एसोसिएशन के चुनाव ही दिन करने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि दी बार एसोसिएशन जयपुर के वार्षिक चुनाव 28 अगस्त को होने थे. चुनाव में 28 अगस्त 2022 से 27 अगस्त 2023 के दौरान किसी अन्य बार एसोसिएशन में मतदान नहीं करने को लेकर मतदाताओं से शपथ पत्र मांगे गए थे. जिसे याचिका में चुनौती देते हुए कहा गया कि इस अवधि की गणना कैलेंडर वर्ष से की जानी चाहिए.

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