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प्रमुख स्वास्थ्य सचिव हाजिर होकर बताए क्यों नहीं की आदेश की पालना? - Rajasthan Hindi news

एएनएम भर्ती 2013 में अदालती आदेश के बावजूद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को 5 जनवरी को हाजिर होकर जवाब देने को कहा है.

Rajasthan High COurt
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 18, 2023, 10:09 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने एएनएम भर्ती-2013 में अदालती आदेश के बावजूद भी अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं देने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को 5 जनवरी को हाजिर होकर बताने को कहा है कि पांच साल बीतने के बाद भी अब तक आदेश की पालना क्यों नहीं की गई? अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि आदेश की पालना हो जाती है तो प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को पेश होने की जरूरत नहीं है. जस्टिस नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश हेमा कुमारी और अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ. विभूति भूषण शर्मा ने अदालत से पूर्व में दिए आदेश की पालना के लिए समय मांगा. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश को पांच साल बीतने के बाद भी अब तक याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति नहीं दी गई है. ऐसे में अवमाननाकर्ता अफसरों को तलब किया जाए. इस पर अदालत ने आदेश की पालना नहीं होने पर प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं.

पढ़ें. राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिक अंक लाने वाले दिव्यांग को नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में एएनएम और जीएनएम भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे. वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाट समुदाय को ओबीसी आरक्षण का लाभ देने के आदेश दिए गए थे. वहीं, तत्कालीन प्रक्रियाधीन भर्तियों में भी इन अभ्यर्थियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ देने को कहा था. इसके बाद हाईकोर्ट ने भी याचिकाकर्ताओं को ओबीसी आरक्षण का लाभ देते हुए नियुक्ति देने के आदेश दिए. अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2018 में अवमानना याचिका पेश की गई.

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