जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने लाइब्रेरियन पद से सेवानिवृत्त कर्मचारी को पेंशन परिलाभ देने में हुई देरी को गलत माना है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह पेंशन परिलाभ की राशि पर सेवानिवृत्ति तिथि से भुगतान देने की अवधि का 9 फीसदी ब्याज तीन माह में अदा करे. जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश रमेश चंद की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता करौली जिले की उच्च माध्यमिक विद्यालय से 30 जून 2015 को रिटायर हुआ था. रिटायर होने के बाद राज्य सरकार की ओर से बिना कारण उसे पेंशन और अन्य परिलाभ नहीं दिए गए. याचिकाकर्ता की ओर से विभाग में कई बार प्रार्थना पत्र पेश कर पेंशन और परिलाभ दिलाने की गुहार की, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. इस पर उसने वर्ष 2015 में हाईकोर्ट में याचिका पेश की, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रमुख शिक्षा सचिव और पेंशन विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी किए.