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दूसरे विषयों के पदों पर दी नियुक्ति तो उर्दू के लिए क्यों नहीं -हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल में ऊर्दू विषय के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court,  High Court has asked the state government
दूसरे विषयों के पदों पर दी नियुक्ति तो उर्दू के लिए क्यों नहीं .

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 21, 2023, 9:22 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उर्दू विषय के शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित करने के बाद भी नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अदालत ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और झुंझुनूं जिला शिक्षा अधिकारी से पूछा है कि क्यों न परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश अशफाक उल्लाह चौहान व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 17 जून को महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगे. जिसमें याचिकाकर्ताओं ने उर्दू विषय के लिए आवेदन किया. विभाग की ओर से गत 10 अगस्त को आवेदन करने वाले शिक्षकों की लिखित परीक्षा ली. इस परीक्षा में अभ्यर्थियों को तीस अंकों में से न्यूनतम 12 अंक हासिल करने थे. याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में 22 से अधिक अंक प्राप्त किए. याचिका में कहा गया कि इन स्कूलों के प्राचार्य, वरिष्ठ अध्यापक और अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय के लिए आवेदन करने वाले सफल शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन कर नियुक्ति भी दे दी.

पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती के खाली पदों पर नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब

इसके बावजूद उर्दू विषय के लिए आयोजित परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग नहीं कराई गई है, जबकि दूसरे विषय के लिए सफल हुए शिक्षक अभ्यर्थियों के अंक याचिकाकर्ताओं से काफी कम हैं. याचिका में गुहार की गई है कि सफल अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कर उन्हें उनके गृह जिले में नियुक्ति दी जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के अंग्रेजी भाषा के स्तर को सुधारने के लिए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना की है. जिसमें विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में अध्यापन करा रहे शिक्षकों को लिखित परीक्षा/ साक्षात्कार के जरिए चयन किया जाता है.

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