जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के एईएन से मारपीट के मामले में 27 सितंबर तक सुनवाई टालते हुए राज्य सरकार को नतीजा पेश करने को कहा है. जस्टिस फरजंद अली की एकलपीठ ने यह आदेश पीड़िता हर्षाधिपति की ओर से मामले के आरोपी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कराने के लिए पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. जस्टिस फरजंद अली ने जोधपुर से वीसी के जरिए प्रकरण की सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की और से अदालत को बताया कि 29 मार्च 2022 को बाड़ी थाने में स्थानीय विधायक मलिंगा और उनके समर्थकों पर याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज किया था. घटना को लंबा समय बीतने के बाद भी सीआईडी सीबी ने अब तक प्रकरण में आरोप पत्र पेश नहीं किया है. घटना में एक साल पहले मलिंगा सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें जमानत दी गई. इसके बाद मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज हुई है.
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याचिकाकर्ता अभी भी अस्पताल में भर्ती है और अपने पांव पर खड़ा होने में असमर्थ है. ऐसे में आरोपी को मिली जमानत को रद्द किया जाए. वहीं अदालत ने सरकारी वकील से अब तक नतीजा पेश नहीं करने का कारण पूछा. इस पर सरकारी वकील ने कहा कि मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया जा चुका है. वहीं आरोपी विधायक की ओर से मामले में कुछ बिंदु उठाए गए हैं, इन बिंदुओं पर जांच की जा रही है. उसके बाद ही प्रकरण में आरोप पत्र पेश करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 27 सितंबर को रखी है. गौरतलब है कि मलिंगा के खिलाफ याचिकाकर्ता ने मार्च 2022 में मारपीट व एससी-एटी एक्ट में केस दर्ज कराया था. इसमें मलिंगा पर आरोप लगाया था कि विभाग के ऑफिस में मीटिंग के दौरान मलिंगा और उनके साथ 5-6 लोग आए और उन्होंने उनके साथ मारपीट की. जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया.