जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक लोको पायलट पद पर चयन के बावजूद नियुक्ति से वंचित करने के मामले में कहा है कि विश्वविद्यालय की ओर से संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों के लिए एआईसीटीई से अलग से मान्यता की जरूरत नहीं होती है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को पद के लिए पात्र माना है. सीजे पंकज मित्थल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश रेल मंत्रालय की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए दिए.
अधिवक्ता सुनील समदड़िया ने बताया कि अभ्यर्थी का सहायक लोको पायलट भर्ती-2014 भर्ती में चयन हो गया था. इस दौरान उसके दस्तावेज सत्यापन भी कर लिए. वहीं जुलाई 2015 में जारी अंतिम चयन सूची में उसे शामिल नहीं किया गया और उसे बताया गया कि उसकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तो के अनुसार नहीं है. वहीं केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में याचिका दायर करने पर अधिकरण ने अभ्यर्थी के पक्ष में फैसला दिया.