जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के खैरथल थाना इलाके से अपहृत हुए बच्चे को 6 माह में भी बरामद नहीं करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि पीड़ित बच्चे को 18 जनवरी तक अदालत में पेश किया जाए. ऐसा नहीं करने पर अदालत ने भिवाड़ी एसपी, महिला अपराध अन्वेषण सेल, भिवाड़ी के एडीशनल एसपी और जांच अधिकारी रहे एएसआई को पेश होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस बिरेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश जावेद की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि नाबालिग को ट्रक मालिक लेकर गया था, लेकिन ना तो ट्रक को जब्त किया गया और ना ही ट्रक मालिक को अब तक गिरफ्तार किया गया. बल्कि ऐसा लगता है कि पुलिस ट्रक मालिक की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर जांच कर रही है. सुनवाई के दौरान महिला अपराध अन्वेषण सेल के एडीशनल एसपी अतुल साहू अदालत में पेश हुए.
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उन्होंने अदालत को बताया कि अब तक मामले की जांच एएसआई धर्मवीर कर रहे थे. एडीशनल एसपी ने कहा कि बच्चा लापता हो गया था और उसकी सूचना भी पुलिस स्टेशन में दी गई थी. हालांकि इस संबंध में रोजनामचा में कोई उल्लेख नहीं है. इस पर अदालत ने 18 जनवरी तक लापता को पेश नहीं करने पर एसपी, एडीशनल एसपी और जांच अधिकारी रहे एएसआई को हाजिर होने को कहा है.
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जनहित याचिका में अधिवक्ता विकास कुमार जाखड़ ने अदालत को बताया कि गत 8 जुलाई को आधा दर्जन से अधिक लोग याचिकाकर्ता के घर आए थे और याचिकाकर्ता के भाई का अपहरण कर साथ ले गए. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने आरोपियों के खिलाफ खैरथल थाने में नामजद रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने न तो आरोपियों को गिरफ्तार किया और ना ही याचिकाकर्ता के भाई को बरामद किया. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में भिवाड़ी एसपी को भी अभ्यावेदन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.