जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नीट यूजी-2020 मामले में मेडिकल छात्र के एडमिशन को सुनिश्चित करते हुए दो साल की बकाया छात्रवृत्ति जारी करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश पंकज मीणा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के नीट आवेदन में ई-मित्र संचालक की लापरवाही के कारण पिता के कॉलम में माता और माता के कॉलम में पिता का नाम दर्ज हो गया था.
Rajasthan Hicourt Order: मेडिकल छात्र का एडमिशन सुनिश्चित कर बकाया छात्रवृत्ति जारी करने के आदेश - etv bahrat Rajasthan news
नीट यूजी-2020 मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने मेडिकल छात्र का एडमिशन सुनिश्चित कर बकाया छात्रवृत्ति जारी करने के आदेश दिए हैं.
इस पर छात्र ने नाम सही करने के साथ ही प्रवेश व छात्रवृत्ति दिलवाने के लिए याचिका दायर की थी. छात्रवृत्ति जारी नहीं करने पर अदालत ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी. इसके साथ ही अदालत ने छात्रवृत्ति जारी नहीं करने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव को तलब करते हुए शपथ पत्र पेश कर यह बताने को कहा था कि प्रदेश में किस प्रक्रिया के तहत छात्रवृत्ति जारी की जाती है. राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में शपथ पत्र करने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता के एडमिशन को सुनिश्चित करने के आदेश देते हुए दो साल की बकाया छात्रवृत्ति जारी करने को कहा है.